बेबुनियाद इल्जाम के 'सबूत' Five Eyes को देंगे ट्रूडो? जानें कैसे काम करती है 5 देशों की ये खुफिया एजेंसी
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कनाडा दुनिया के उन पांच देशों में से एक है, जिनकी खुफिया एजेंसियों का अपना एक और ऑर्गेनाइजेशन है. जिसका नाम फाइव आइज है. ये फाइव आइज कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्टेलिया और न्यूजीलैंड देशों की खुफिया एजेंसियों का एक समूह है.
Five Eyes: एक आतंकवादी की मौत ने भारत और कनाडा के रिश्तों में ऐसी तल्खियां ला दी हैं कि दोनों देशों को अपने अपने देश से राजनायिक तक निष्कासित करने की नौबत आ गई. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की तीन महीने पहले 18 जून को कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. तीन महीने पहले किसी ने सोचा नहीं था कि तीन महीने बाद इसी निज्जर के कत्ल का मामला कनाडा की पार्लियामेंट में गूंजेगा. पर निज्जर की हत्या का मामला ना सिर्फ कनाडाई पार्लियामेंट में उठा बल्कि खुद कनाडा के प्राइम मिनिस्टर जस्टिन ट्रूडो ने इस मुद्दे को उठाया.
अब यहां तक तो ठीक था, लेकिन इसके बाद जस्टिन ट्रूडो और उनकी विदेश मंत्री ने जो कुछ कहा, वो किसी ने नहीं सोचा था. कनाडा के प्राइम मिनिस्टर और फॉरेन मिनिस्टर ने निज्जर की हत्या के लिए सीधे सीधे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को जिम्मेदार ठहरा दिया. ना सिर्फ जिम्मेदार ठहराया, बल्कि रॉ के हाथों निज्जर की हत्या का हवाला देते हुए कनाडा में मौजूद भारतीय दूतावास के एक सीनियर राजनायिक को अपने देश से निष्कासित भी कर दिया. जवाब में भारत सरकार ने कनाडा के इन आरोपों को बेतुका बताते हुए नई दिल्ली में मौजूद कनाडाई दूतावास के एक सीनियर राजनायिक को निष्कासित कर दिया. पर ये मामला अभी यहीं खत्म नहीं हुआ है. ना ही दोनों देशों के बीच जारी तनाव खत्म हुआ है.
पांच देशों की एक खुफिया एजेंसी
दरअसल, कनाडा ने भारतीय खुफिया एजेंसी पर इल्जाम लगाते हुए ये कहा है कि वो ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि तीन महीने की तफ्तीश के बाद उनके हाथ ऐसे कुछ सबूत लगे हैं. हालांकि ये सबूत कनाडा ने भारत को नहीं दिए, ना ही दिखाए. इसलिए बिना सबूत देखे ये कहा नहीं जा सकता कि सच्चाई क्या है? कनाडा दुनिया के उन पांच देशों में से एक है, जिनकी खुफिया एजेंसियों का अपना एक और ऑर्गेनाइजेशन है. जिसका नाम फाइव आइज है. ये फाइव आइज कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्टेलिया और न्यूजीलैंड देशों की खुफिया एजेंसियों का एक समूह है.
पांच देशों के लिए काम करती है Five Eyes फाइव आइज के गठन का मकसद ही यही है कि अगर कभी इन पांच देशों के अंदर ऐसा कुछ भी गलत हो, तो ये पांचों देश अपनी-अपनी खुफिया एजेंसियों के जरिए एक दूसरे की मदद करेंगे, उन्हें जरूरी सूचना और सबूत देंगे. अब यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या कनाडा निज्जर के कत्ल से जुड़े सबूत फाइव आइज के साथ साझा करेगा? यानी भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ पर उसने जो इल्जाम लगाया है, उससे जुड़े ज़रूरी सबूत वो अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्टेलिया और न्यूजीलैंड के साथ शेयर करेगा?
Five Eyes में काम करते हैं CIA और MI6 के एजेंट जाहिर है फाइव आइज की टीम में खास कर अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के पास मजबूत खुफिया एजेंसियां हैं. जैसे सीआईए और एमआई-6. अब अगर बात फाइव आइज तक जाती है, तो जाहिर है निज्जर के कत्ल से जुडे सबूतों का सच भी सामने आ जाएगा. हालांकि अभी तक निज्जर की हत्या से जुडे सबूतों को लेकर फाइव आइज के दखल की कोई बात सामने नहीं आई है. इसकी एक वजह ये भी है कि खास कर अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्टेलिया के साथ भारत के मजबूत रिश्ते हैं.
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