'बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सरकार बने पक्षकार,' SC ने दिया आदेश
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पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद आपराधिक शिकायत बहाल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत बरकरार है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है. फिलहाल, SC के अगले आदेश तक हाईकोर्ट के आदेश पर रोक जारी रहेगी.
बता दें कि बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद आपराधिक शिकायत बहाल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
नए सिरे से सुनवाई का निर्देश दिया था
इससे पहले सितंबर में कर्नाटक की एक एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशन जज कोर्ट ने येदियुरप्पा और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज करने का आदेश दिया था. स्थानीय कोर्ट का आदेश कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश के ठीक एक सप्ताह बाद आया था, जिसमें 7 सितंबर को विशेष अदालत को शिकायत पर नए सिरे से सुनवाई करने के निर्देश दिए थे.
ठेके दिलाने के बदले रिश्वतखोरी का आरोप
मामले की शिकायत निचली अदालत में 8 जुलाई को रद्द कर दी गई थी. तब शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम को राज्यपाल से मंजूरी ना मिलने के चलते ये फैसला लिया गया था. बाद में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने फैसले में कहा था कि शिकायतकर्ता राज्यपाल से मंजूरी लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं था. बता दें कि शिकायत सीधे तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ है. आरोप लगाया गया है कि बीडीए (बेंगलुरु विकास प्राधिकरण) के ठेके दिलाने के बदले में रिश्वतखोरी की गई है.
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