बिहार बीजेपी अध्यक्ष समेत 10 नेताओं की Y श्रेणी सुरक्षा वापस, केंद्र सरकार का फैसला
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बिहार में अग्निपथ स्कीम के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन के समय केंद्र सरकार ने प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल समेत 10 नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का ऐलान किया था. केंद्र सरकार ने अब इन नेताओं को दी गई वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का फैसला कर लिया है. जिन नेताओं की वीआईपी सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के नाम भी शामिल हैं.
केंद्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती को लेकर एक नई योजना शुरू की थी अग्निपथ. सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता निशाने पर थे और विरोध का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा था बिहार. बिहार में उग्र प्रदर्शनकारी बीजेपी के नेताओं को निशाना बना रहे थे और ऐसे हालात में सरकार ने बिहार के कुछ नेताओं को वीआईपी सुरक्षा दी थी.
केंद्र सरकार ने बिहार के कुछ नेताओं को वाई श्रेणी सुरक्षा दी थी. केंद्र सरकार ने अब बिहार बीजेपी के 10 नेताओं की वाई श्रेणी सुरक्षा वापस ले ली है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने बिहार बीजेपी के उन 10 नेताओं की वाई श्रेणी सुरक्षा वापस लेने का फैसला कर लिया है. बिहार बीजेपी के जिन 10 नेताओं की वाई श्रेणी सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल भी शामिल हैं.
सूत्रों की मानें तो बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर, अररिया के सांसद प्रदीप सिंह, किशनगंज के एमएलसी दिलीप जायसवाल की वाई श्रेणी सुरक्षा वापस हुई है. इनके अलावा कटिहार से एमएलसी अशोक अग्रवाल, दीघा विधायक संजीव कुमार चौरसिया, विस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी की सुरक्षा भी केंद्र सरकार ने वापस ले ली है.
गौरतलब है कि बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई जगह बीजेपी के कार्यालय और पार्टी के नेताओं के घर को निशाना बनाया था. इसके अलावा कुछ नेताओं को धमकियां भी मिली थीं. बिहार बीजेपी के नेताओं को मिली धमकियों और खुफिया रिपोर्ट्स को देखते हुए गृह मंत्रालय ने इन 10 नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया था.
गौरतलब है कि वाई श्रेणी सुरक्षा के तहत केंद्रीय बलों के दो से तीन कमांडो तैनात किए जाते हैं. ये कमांडो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ की वीआईपी सिक्योरिटी यूनिट के होते हैं. गृह मंत्रालय ने 18 जून 2022 को ही इन 10 नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का ऐलान किया था. गृह मंत्रालय की ओर से उसी दिन सीआरपीएफ को भी वीआईपी सिक्योरिटी यूनिट के कमांडों की तैनाती को लेकर भी निर्देश दिए गए थे. अब सरकार ने इन 10 नेताओं की वीआईपी सुरक्षा वापस ले ली है.
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