बर्खास्त हेड कांस्टेबल ने साथियों के साथ मिलकर कारोबारी से ठगे 4 लाख रुपये, चढ़े पुलिस के हत्थे
AajTak
मुंबई में नौकरी से निकाले गए पुलिस कांस्टेबल ने पत्रकार और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर एक ज्वेलरी कारोबारी को चार लाख रुपये का चूना लगा दिया. दरअसल यह गैंग छापा मारने के नाम पर कारोबारी की दुकान पर पहुंचा और नियमों को हवाला देकर चार लाख रुपये ऐंठ लिए.
दक्षिणी मुंबई के अग्रीपाड़ा पुलिस ने एक व्यवसायी से चार लाख रुपये की ठगी करने के मामले में बर्खास्त हेड कांस्टेबल और एक पत्रकार समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी ने कांस्टेबल ने खुद को अपराध शाखा का अधिकारी बताया था और उसका मुख्य मकसद व्यवसायी को धमका कर उससे पैसे ऐंठना था.
नौकरी से निकाले गए हेड कांस्टेबल चंद्रकांत गावरे, योगेश लाड, वार्ड ब्वॉय सागर सिंह (39) और एक पत्रकार को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने धोखाधड़ी के इस मामले में सभी को जाल बिछाकर गिरफ्तार किया.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में गावरे को देखा जिसके बाद उसके अन्य साथियों को भी निशानदेही के आधार पर पकड़ लिया गया.
दरअसल बीती 27 अप्रैल को मुंबई सेंट्रल इलाके के पास सोने का कारोबार करने वाले व्यवसायी ने पुलिस से संपर्क किया और कुछ लोगों के खिलाफ चार लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई.
36 साल के कारोबारी मोहम्मद सिराज ने पुलिस को बताया कि चार लोग दोपहर 2 बजे के आसपास उसकी दुकान पर आए और उसे बताया कि उसके पास व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक लाइसेंस और अनुमति नहीं है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि, चार लोगों के समूह ने कारोबारी को यह कहकर धमकी दी कि यह एक छापेमारी है और उन्हें परिसर में रसोई गैस के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.