बंगाल: बागी राजीव बनर्जी के दोबारा BJP में आने की अटकलें तेज, पार्टी को लिखीं 2 चिट्ठियां
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29 जून को बंगाल भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इसी के बाद राजीव बनर्जी ने दो चिट्ठी प्रदेश भाजपा दफ्तर में भेजी है. ऐसे में अटकलें तेज हो गई हैं कि टीएमसी की ओर से उत्साहित प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर राजीव बनर्जी ने बीजेपी में रहने का निर्णय किया है.
बीजेपी से बागी हो चुके राजीव बनर्जी ने चिट्ठी लिख कर फिर अटकलें बढ़ा दी हैं कि वे बीजेपी में ही रहना चाहते हैं. 29 जून को बंगाल भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इस बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी की ओर से सभी बड़े नेताओं को संपर्क किया गया था, जिनमें राजीव बनर्जी भी शामिल हैं और इसी के बाद राजीव बनर्जी ने दो चिट्ठी प्रदेश भाजपा दफ्तर में भेजी है.भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.