प्रदीप सरकार ने 75 बार ऑडिशन में रिजेक्ट हो चुकीं विद्या बालन को ऐसे बनाया स्टार, एक छोटी सी बात से बदली एक्ट्रेस की तकदीर!
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साउथ से करियर शुरू करने वाली विद्या बालन के लिए पहली हिंदी फिल्म मिलना एक बहुत बड़ा संघर्ष बन गया था. अपनी डेब्यू फिल्म 'परिणीता' के लिए भी उन्होंने बहुत बार ऑडिशन दिया और रिजेक्ट हुईं. मगर डायरेक्टर प्रदीप सरकार के एक छोटे से बदलाव ने उन्हें स्टार बना दिया था.
इंडिया की सबसे दमदार एक्ट्रेसेज को लेकर कोई भी लिस्ट बने, विद्या बालन का नाम लिए बिना बात पूरी ही नहीं हो सकती. 'भूल भुलैया' 'इश्किया' से लेकर पिछले सालों में रिलीज हुईं 'शेरनी' और 'जलसा' तक उनकी एक-एक परफॉरमेंस बेहतरीन एक्टिंग की एक मिसाल है. आज विद्या का टैलेंट किसी पहचान का मोहताज नहीं है. मगर इसी दमदार एक्ट्रेस के लिए पहली हिंदी फिल्म मिलना अपने आप में एक तगड़ा संघर्ष बन गया था. आखिरकार, 'परिणीता' के डायरेक्टर प्रदीप सरकार ने प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा को एक छोटा सा बदलाव सुझाया, जिससे कई बार ऑडिशन में रिजेक्ट हो चुकीं विद्या को उनकी पहली हिंदी फिल्म मिली.
प्रदीप सरकार अब हमारे बीच नहीं रहे. 24 मार्च की सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. उनका नाम सिनेमा की टैलेंटेड हस्तियों में गिना जाता था. डायरेक्शन ही नहीं, एडिटिंग और राइटिंग के जरिए भी उन्होंने सिनेमा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया. विद्या बालन को 'परिणीता' में लीड रोल मिलने का किस्सा, इस बात की गवाही देता है कि कई फिल्मी हस्तियों के प्यारे 'दादा', प्रदीप सरकार टैलेंट को पहचानने में कितनी बारीक नजर रखते थे.
लगातार रिजेक्ट हो रही थीं विद्या 90s के पॉपुलर टीवी सीरियल 'हम पांच' में विद्या बालन को एक टीनेजर के रोल में काफी नोटिस किया गया. और इस रोल के चलते पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्हें मलयालम इंडस्ट्री के सुपरस्टार मोहनलाल की फिल्म 'चक्रम' में लीड रोल भी मिल गया. बड़े एक्टर के साथ लीड रोल मिलने का फायदा विद्या को जबरदस्त मिला और उन्हें धड़ाधड़ 12 मलयालम फिल्मों के लिए साइन कर लिया गया. लेकिन इधर 'चक्रम' पर काम रुक गया.
उन दिनों मोहनलाल बड़े स्टार थे और उनकी फिल्मों का बंद हो जाना एक अनसुनी घटना थी. 'चक्रम' के बंद हो जाने का ये असर हुआ कि इंडस्ट्री के लोगों ने विद्या को 'मनहूस' का तमगा दे दिया. मोहनलाल के साथ काम करने के फायदे में उन्हें जो फिल्में मिली थीं, उन सभी में उन्हें रिप्लेस कर दिया गया. लेकिन ये सिलसिला मलयालम इंडस्ट्री तक ही नहीं रुका, बल्कि 'बाला' और 'रन' जैसी तमिल फिल्मों में भी विद्या के साथ यही हुआ.
विद्या का सफ़र जिन वजहों से एक बेहतरीन इंस्पिरेशन है, उनमें से एक ये है कि उनके हाथ से फिल्में जाती रहीं, मगर इस दौरान उन्होंने टीवी सीरियल्स, ऐड फिल्म्स और म्यूजिक वीडियोज में काम करना जारी रखा. इन ऐड फिल्मों और म्यूजिक वीडियोज में कई बार उन्हें प्रदीप सरकार ने डायरेक्ट किया. जिन प्रोजेक्ट पर दोनों ने साथ काम किया उनमें पलाश सेन के बैंड यूफोरिया का म्यूजिक वीडियो 'कभी आना तू मेरी गली' भी था.
विद्या, परिणीता और प्रदीप सरकार फिल्मों में काम पाने के लिए विद्या लगातार स्ट्रगल करती रहीं और इसी सिलसिले ने उन्हें फिल्ममेकर विधु विनोद चोपड़ा के ऑफिस पहुंचा दिया, जो उस समय 'परिणीता' के लिए कास्टिंग कर रहे थे. 'परिणीता' के म्यूजिक कम्पोजर शांतनु मोइत्रा ने मुंबई मिरर के एक इंटरव्यू में बताया था कि विधु के ऑफिस में जब विद्या उन्हें मिलीं, तबतक वो करीब 75 बार ऑडिशन में रिजेक्ट हो चुकी थीं.
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