पिता ने चलाई गोलियां, पूरे परिवार को मौत के घाट उतारा, सालों बाद एक्टर ने सुनाई आपबीती
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कमल, मां और बहन को अस्पताल लेकर गए, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया था. कमल के भी गर्दन में गोली लगी थी, लेकिन वो बच गए थे. इस पूरे वाकया के बाद कमल मेंटल ट्रॉमा में चले गए. उनकी आंखों के सामने पूरा परिवार एक झटके में खत्म हो गया था.
साल 1992 में फिल्म 'बेखुदी' से कमल सदाना ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था. काजोल संग इनकी पहली फिल्म थी, जिसे लेकर एक्टर काफी एक्साइटेड भी थे. लेकिन करियर में ऊंचाइयां छूने से पहले ही एक्टर के साथ एक बड़ा हादसा हो गया. हाल ही में सिद्धार्थ कनन संग बातचीत में कमल ने इस बारे में बताया. कमल ने कहा कि मेरा 20वां जन्मदिन था. उस रात मेरी आंखों के सामने मेरे पिता बृज सदाना ने मेरी मां, बहन और मुझे गोली मारी. बाद में खुद को गोली मारकर मौत के घाट उतर गए.
कमल ने सुनाई आपबीती कमल मां और बहन को अस्पताल लेकर गए, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया था. कमल के भी गर्दन में गोली लगी थी, लेकिन वो बच गए थे. इस पूरे वाकया के बाद कमल मेंटल ट्रॉमा में चले गए. उनकी आंखों के सामने पूरा परिवार एक झटके में खत्म हो गया था. सिद्धार्थ कनन संग बातचीत में कमल ने कहा- मुझे भी गोली लगी थी. गर्दन के एक ओर से गोली लगी और दूसरी ओर से निकल गई थी. पर मैं सर्वाइव कर गया. मेरे सर्वाइव करने के पीछे कोई लॉजिकल वजह नहीं है. मुझे लगता है कि वो गोली हर नर्व से बचकर दूसरी साइड से निकल गई. इसलिए मैं बच गया. मैं इससे बाहर निकला और जीने का सोचा.
कमल ने बताया कि उनके पिता बृज नशे में थे, जब उन्होंने गोलियां चलाई थीं. कमल ने कहा- उस दिन मेरा बर्थडे था. बहुत बुरा इंसीडेंट हुआ था, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मेरा बचपन या परिवार बुरा था. मेरे पिता बुरे इंसान थे, नहीं ऐसा नहीं था. जब पापा ने मां और बहन के साथ मुझे गोली मारी तो मैं दोनों को अस्पताल लेकर गया था. मेरा खून निकल रहा था, लेकिन मुझे पता नहीं था कि मुझे भी गोली लगी है. अस्पताल में बेड्स खाली नहीं थे तो मेरा दोस्त मुझे दूसरे अस्पताल लेकर गया. मैंने डॉक्टर से कहा कि मां और बहन को जिंदा रखना. पापा को भी मैं देख रहा था.
मां-बहन-पिता, तीनों की हुई मौत "मेरी भी सर्जरी हुई थी, क्योंकि मुझे भी गोली लगी थी. डॉक्टर्स उस जख्म को ठीक कर रहे थे. जब मुझे होश आया तो मुझे घर ले जाया गया. और मैंने देखा कि मेरा पूरा परिवार जमीन पर है. मेरी आंखों के सामने. कई सालों तक मैंने अपना बर्थडे सेलिब्रेट नहीं किया. पर कुछ सालों पहले मैंने पार्टी दी. पर मुझे आज भी अपना बर्थडे सेलिब्रेट करने का मन नहीं होता है. दोस्त लोग घर आते हैं, मुझे चीयर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वो वाकया मेरे दिमाग से निकलता ही नहीं है. जन्मदिन के मौके पर सारी चीजें वापस याद आ जाती हैं."
"मैं आज भी उसी घर में रहता हूं, जहां ये वाकया हुआ था. मैं अकेला नहीं हूं, जिसने ये वाकया देखा है या जिसके साथ हुआ है. कई लोग हैं, जिन्होंने शायद मेरे से भी बुरा हादसा अपने जीवन में देखा हुआ है."
बता दें कि कमल सदाना आज भी कई फइल्मों में बतौर सपोर्टिंग एक्टर नजर आते हैं. हाल ही में इन्हें 'पीपा' और 'सैम मानेकशॉ' में देखा गया था.
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