पिता की आखिरी इच्छा को पूरा नहीं कर पाए संजय लीला भंसाली, बयां किया दर्द
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भंसाली अपनी फिल्मों में भावनाओं को बखूबी दिखाने में माहिर हैं, लेकिन बताया जाता है कि उनके पिता नवीन भंसाली कभी सफलता नहीं पा सके थे. अब अपने नए इंटरव्यू में भंसाली ने अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरा ना कर सकने का इमोशनल किस्सा सुनाया है.
संजय लीला भंसाली एक ऐसे फिल्म मेकर हैं, जो शानदार फिल्में बनाने और कहानियों को खूबसूरती से बयां करने के लिए जाने जाते हैं. नेटफ्लिक्स पर उनका पहला वेब शो 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' इस बात को साबित कर रहा है. 'हीरामंडी' लोगों को पसंद आ रही है. इसमें भंसाली ने अपनी बनाई जादुई दुनिया दिखाई है.
शो में बड़े और खूबसूरत सेट, शानदार सीन्स, बेहतरीन डायलॉग्स, कमाल का कैमरा वर्क और शानदार म्यूजिक है. यह दर्शाता है कि भंसाली एक बेहतरीन डायरेक्टर हैं, जो भारतीय कहानियों को खास अंदाज में पेश करना जानते हैं. हालांकि भंसाली अपनी फिल्मों में भावनाओं को बखूबी दिखाने में माहिर हैं, लेकिन बताया जाता है कि उनके पिता नवीन भंसाली कभी सफलता नहीं पा सके थे. अब अपने नए इंटरव्यू में भंसाली ने अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरा न कर सकने का इमोशनल किस्सा सुनाया है.
कौन थे नवीन भंसाली?
भंसाली के पिता नवीन भंसाली एक प्रोड्यूसर थे. उन्हें अपने करियर में खास सफलता नहीं मिल पाई थी. नवीन भंसाली की आखिरी फिल्म 'जहाजी लुटेरा' थी, जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी. इस फिल्म को डायरेक्टर आकू ने बनाया था. इस फैंटसी एक्शन फिल्म में अनवर हुसैन, शशिकला, मारुति राव और पी जयराज ने काम किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में संजय लीला भंसाली ने अपने पिता को याद किया.
पिता की इच्छा नहीं कर पाए पूरी
भंसाली ने बताया कि जब उनके पिता नवीन बहुत बीमार थे, तब उन्होंने अपने बेटे संजय से कुछ खास मांगा था. वह एक ट्राइबल सिंगर का कैसेट चाहते थे, जो देश के बंटवारे के बाद भारत के दूसरे हिस्से में चली गई थी, जहां उनका परिवार था. वो जानी-मानी सिंगर रेशमा का गाना 'हायो रब्बा' सुनना चाहते थे. भंसाली ने बताया कि रेशमा की आवाज 'रॉ और बिना ट्रेनिंग' वाली थी. बंटवारे के बाद रेशमा पाकिस्तान में रहती थीं, जहां भंसाली के परिवार की जड़ें भी थीं.
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