पाकिस्तान को मिसाइल बनाने में मदद कर रही कंपनियों पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध, भड़के PAK ने दिया ये जवाब
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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि बेलारूस की एक और चीन की तीन कंपनियां पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद कर रही थीं. जिसके बाद इन कंपनियों पर बैन लगा दिया गया है. अमेरिका का कहना है कि इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का मकसद सजा देना नहीं बल्कि कंपनियों के रवैये में पॉजिटिव चेंज लाना है.
पाकिस्तान को अमेरिका से तगड़ा झटका लगा है. अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम के लिए टेक्निकल सप्लाई कर रहे बेलारूस की एक और चीन की तीन कंपनियों पर बैन लगा दिया है. अमेरिका के इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान ने कहा है कि एक्सपोर्ट कंट्रोल का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी करते हुए अमेरिका की ओर से पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की सप्लाई कर रहे कुल चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा की है.
अमेरिका की ओर से किए गए दावे को पाकिस्तान ने 'एक्सपोर्ट कंट्रोल का राजनीतिक इस्तेमाल' करार देते हुए खारिज दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार शाम को दावा किया था कि बेलारूस की एक और चीन की तीन कंपनियां पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद कर रही थीं.
अमेरिका ने जिन कंपनियों पर बैन लगाया है उनमें चीन की शियान लॉन्गदे टेकनोलॉजी, तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड, ग्रैनपेक्ट कंपनी लिमिटेड और बेलारूस की मिन्स्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट शामिल हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का मकसद सजा देना नहीं बल्कि कंपनियों के रवैये में पॉजिटिव चेंज लाना है.
रिपोर्ट के मुताबिक जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है उन सभी कंपनियों की अमेरिकी संपत्ति को ब्लॉक कर दिया गया है. इन कंपनियों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदार जिनका स्वामित्व 50 प्रतिशत या उससे अधिक है वो भी इस प्रतिबंध के अधीन हैं.
अमेरिकी कदम पर भड़का पाकिस्तान
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