
पहली फिल्म में लुक्स के लिए आलोचना झेलने वाला लड़का कैसे बना 'स्टाइलिश स्टार', फिर यूं मिला 'आइकॉन स्टार' नाम!
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'स्टाइलिश स्टार' अल्लू अर्जुन का स्वैग मैच करना किसी भी एक्टर के लिए एक बहुत तगड़ा टास्क है. उनके लुक्स, डांस, एक्शन और फैशन हर चीज का फैन्स के बीच एक अलग क्रेज है. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. शुरुआत में लुक्स के लिए अल्लू अर्जुन की काफी आलोचना हुई थी. फिर उन्होंने कैसे बदली अपनी कहानी, आइए बताते हैं.
एक लड़के के लिए जिस प्रेमिका की झलक मिलना 'अशर्फी' मिलने जितना कीमती रहा हो, उसकी जीवन-संगिनी बन जाना कितना कीमती पल होगा... दुनिया की किसी भी करंसी में ये नापना संभव नहीं है. फिल्म का हीरो इस पल को जी ही रहा था कि जैसे एक बवंडर आ गया. मंडप में बैठ चुके, मुस्कुरा रहे हीरो को याद दिलाया जाता है कि उसके राशन कार्ड पर पिता का नाम नहीं है. उसका जन्म 'नाजायज' रिश्ते से हुआ है. उसकी मां को बुरी तरह जलील किया जाता और जिस सपने को वो हथेलियों में सहेजे चल रहा था, उसे अपमान की चोट से चकनाचूर कर दिया जाता है.
इस सारे बवंडर से अपनी घायल मां को लेकर निकला हीरो अस्पताल की बेंच पर बैठा याद कर रहा है कि उसकी मां ने एक आदमी से बेशर्त प्यार किया था. और सिर्फ इसी वजह से उसे बचपन से जलील किया जा रहा है. अब उसका खुद का प्यार अधूरा रह गया है. अपनी पहचान को अपराध की कमाई से बदलने निकले इस हीरो की आंखें, अब आंसू की जगह शोले बरसा रही हैं. वो कुहनी मोड़कर, हथेली उलटी करके अपनी गझिन दाढ़ी पर फिराता है और मानो फिल्म देख रही जनता के मन पर अपनी पहचान गोद देता है- 'पुष्पा... पुष्पराज... मैं झुकेगा नहीं ***'. अपनी पहचान पर उठे हर सवाल का जवाब अथाह स्वैग से देता ये हीरो 'स्टाइलिश स्टार' के नाम से जाना जाता है.
फिल्म तो आप पहचान ही गए होंगे और इस हीरो का रोल करने वाले एक्टर का नाम तो जाने कबसे सुनते आ रहे होंगे. 1000 से भी ज्यादा फिल्मों में नजर आने वाले आइकॉनिक कॉमेडियन-एक्टर 'पद्म श्री' अल्लू रामलिंगय्या के पोते और बड़े तेलुगू फिल्म प्रोड्यूसर अल्लू अरविंद के बेटे- अल्लू अर्जुन. थिएटर्स में जिन लोगों ने अल्लू अर्जुन को 'पुष्पा' अवतार में देखा, वो पूरी उम्र के लिए उनके फैन हो गए. हिंदी पट्टी में उनके फैन्स पहले भी थे मगर 'पुष्पा' ने उनका स्टारडम किसी भी बॉलीवुड स्टार की टक्कर का बना दिया.
अल्लू अर्जुन स्टार-किड थे, लेकिन उनकी शुरुआत इतनी तीखी आलोचनाओं के साथ हुई कि किसी भी न्यूकमर का दिल बैठ जाए. फिर अपनी 'स्टाइलिश स्टार' और एक नई इमेज को उन्होंने किस सिलसिलेवार तरीके से आकार दिया, ये उनके बारे में एक जरूर जानने लायक बात है. आइए बताते हैं...
लुक्स के लिए हुई आलोचना अल्लू अर्जुन के लुक को देखकर बहुत से लड़कों ने 'स्टाइल' शब्द का मतलब सीखा है. इसलिए शायद ये सुनकर आपको यकीन न हो कि 2003 में जब अल्लू ने फिल्म 'गंगोत्री' से डेब्यू किया, तो उनके लुक्स और अपीयरेंस की काफी आलोचना हुई. एक रिव्यू में तो लिखा गया- 'लुक्स की बात करें तो अर्जुन बहुत एवरेज हैं.' इसी रिव्यू की एक लाइन में लिखा था कि 'उन निकर्स में वो बहुत अजीब लग रहे थे.' फिल्म को क्रिटिक्स और जनता दोनों ने कुछ खास पसंद नहीं किया.
दूसरी ही फिल्म से बदला स्टाइल 2004 में अल्लू की दूसरी फिल्म 'आर्य' रिलीज हुई. इस फिल्म में अल्लू को देखकर लोगों के मुंह खुले रह गए. फिल्म में शर्ट्स गायब थीं, और उनकी जगह कूल-सी टीशर्ट्स थीं. पैंट्स का स्टाइल बदला हुआ था और अल्लू का हेयरस्टाइल तो फिल्म के बाद यंग फैन्स में खूब चला. ये वही अल्लू थे जिन्हें डेब्यू फिल्म के बाद 'नॉट सो गुड लुकिंग' (बहुत अच्छा नहीं दिखता) कहा गया था. मगर 'आर्य' से उनका स्वैग और स्टाइल यंग जनता को भाने लगा. ये अल्लू अर्जुन की पहली बड़ी हिट फिल्म बनी. फिल्म के एक रिव्यू में कहा गया, 'ये हीरो अल्लू अर्जुन को एक नई पहचान देती है.'

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