
न फीस वृद्धि, न छात्र संघ बहाली... पढ़िए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुए बवाल की इनसाइड स्टोरी
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Allahabad University: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कल जो हंगामा बरपा, उसके पीछे के कारणों का ठीक ठीक किसी को पता नहीं है. यहां लंबे समय से छात्र आंदोलन कर रहे थे. आइए जानते हैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुए पूरे विवाद के पीछे की कहानी. यह कौन सा गुस्सा था दोनों तरफ जो इस तरह फूट पड़ा.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 19 दिसंबर के दिन जमकर बवाल और आगजनी हुई. इस बवाल में कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए. करीब 2 घंटे तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय जंग का अखाड़ा बना रहा.
मौके पर जिले के आला अधिकारी पहुंच गए और स्थिति को नियंत्रण में किया. लेकिन, हम आपको बता दें कि यह बवाल तब बढ़ा, जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व-छात्र विवेकानंद पाठक विश्वविद्यालय के अंदर बैंक में अपना केवाईसी फॉर्म सही कराने जा रहा था. सभी गार्ड्स ने उन्हें रोका तो बहस होने लगी. यह बहस मारपीट में बदल गई. सभी समझ रहे थे यह बवाल छात्र संघ बहाली और फीस वृद्धि वापस लेने की मांग को लेकर के हुई है.
छात्रों ने आज बुलाया था जीवीएम
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नाराज छात्रों ने आज जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई थी. इसमें कई पूरा छात्र और पूर्व छात्र नेता शामिल हुए थे. छात्रों ने रणनीति तैयार की और प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया. छात्रों ने चेतावनी दी है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो, उनके एसएससी बंदूकों का लाइसेंस निरस्त हो और उनकी गिरफ्तारी की जाए. अगर 24 घंटे के अंदर यह मांग पूरी नहीं होती तो सड़क से संसद तक छात्रों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
इन मुद्दों ने किया आग में घी का काम
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र करीब 883 दिनों से छात्रसंघ बहाली की मांग कर रहे हैं. इसके बाद 101 दिनों से आमरण अनशन शुरू कर दिया जिसमें मुद्दा फीस वृद्धि था. छात्र प्रशासन से तत्काल फीस वृद्धि वापस लेने की मांग कर रहे हैं. बताया जाता है कि छात्र पहले से ही क्षुब्ध थे, प्रशासन भी लगातार विरोध-प्रदर्शन को रोकने की जुगत में लगा हुआ था. ऐसे में कल जैसे ही पूर्व छात्र विवेकानंद पाठक महासचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विश्वविद्यालय के अंदर पहुंचे तो विश्वविद्यालय में तैनात गार्डों ने उन्हें रोक दिया. आरोप है कि बहस के बाद मारपीट शुरू हो गई और लोहे की रॉड से उनकी पिटाई की गई. छात्रों ने जब इसका विरोध किया तो उनको भी लोहे की रॉड से मारकर घायल किया गया. आरोप यह भी है कि फायरिंग भी की गई. इस तरह इन मुद्दों ने इस बवाल ने आग में घी का काम किया जिससे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. कई अराजक तत्वों ने कॉलेज परिसर में तीन से चार दो पहिया गाड़ियों में आग लगा दी. कई चार पहिया वाहनों के शीशे तोड़ दिए गए. करीब 2 घंटे तक यह हंगामा और बवाल चलता रहा.

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