नींद में मौत से इतना डरता है शख्स, हर रात घंटों बैठता है रेस्त्रां में
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एक शख्स सोने से काफी डरता है. उसे हमेशा डर लगा रहता है कि सोते वक्त उसकी मौत हो सकती है. वो शख्स नींद से संबंधित मिर्गी (Epilepsy) की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है.
ब्रिटेन में रहने वाले 46 साल के डेविड नील (David Neale) सोने से डरते हैं. उन्हें हमेशा डर लगा रहता है कि सोते वक्त उनकी मौत हो सकती है. दरअसल, डेविड नींद से संबंधित मिर्गी (Epilepsy) के दुर्लभ डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. जिसके चलते उन्हें लगता है कि रात में सोते समय कभी भी उन्हें दौरा पड़ सकता है और उनकी जान जा सकती है.
ऐसे में अपने को इस 'मौत के डर' से शांत रखने के लिए वो हर रोज सोने से ठीक पहले McDonald's जाते हैं और कई-कई घंटे तक वहां बैठे रहते हैं. 'द मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक, डेविड नील हर रात McDonald's जाते हैं और खुद को नॉर्मल रखने के लिए वहां कॉफी पीते हैं, लोगों से बात करते हैं. McDonald's का स्टाफ भी डेविड की परिस्थिति जानकर उनसे बेहद नम्रता से पेश आता है और उनको फुल सपोर्ट करता है.
सोते वक्त दौरा पड़ने का विचार डेविड को जगाए रखता है. उन्हें लगता है कि एक दिन वो सोएंगे और फिर कभी नहीं उठेंगे. डेविड को ये डिसऑर्डर (Sleep-Related Epilepsy) 7 साल की उम्र से है. डेविड Autism और OCD डिसऑर्डर से भी पीड़ित हैं, जिसमें किसी व्यक्ति के मन में अवांछित विचार घर कर लेते हैं और फिर वो इसी के डर में जीता है.
रेयर डिसऑर्डर से बचने के लिए डेविड करते हैं ये काम
अपने इन रेयर डिसऑर्डर से बचने के लिए डेविड नील डेली सोने से पहले शाम को McDonald's स्टोर में आते हैं, कॉफी पीते हैं, लोगों से बाते करते हैं. ये जगह उनको कम्फर्ट जोन लगती है. डेविड कहते हैं- 'यहां तक कि जब मैं घर से दूर होता हूं, तब भी ऐसा ही होता है. बिस्तर पर जाने के लिए खुद को तैयार करने के इरादे से मैं McDonald's जाता हूं. वो कहते हैं कि मैं नहीं जानता कि मैंने ऐसा करना कब और कैसे शुरू किया. डेविड कभी-कभी चार-चार घंटे तक McDonald's में बैठे रहते हैं.
बकौल डेविड- McDonald's के इस स्टोर के लोग मेरी बहुत अच्छी तरह से देखभाल करते हैं. उनमें से बहुत से लोग मेरी चिंता के स्तर को जानते और समझते हैं. रात के बीच में मरने का डेविड का डर उम्र के साथ और भी बदतर होता चला गया. वो कहते हैं- 'कल्पना कीजिए कि आप सोने जाए, रात में दौरा आए और अगला दिन कभी ना देख पाए. यह एक विचार की भयावहता है.'
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