
नए बिल में क्या है '12 साल की लिमिट' वाला प्रावधान, जिससे वक्फ बोर्ड की मनमानी पर लगेगी लगाम
AajTak
वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है. इस बिल में वक्फ को लिमिटेशन एक्ट से मिली छूट का प्रावधान समाप्त कर दिया है यानि 12 साल की लिमिट अब वक्फ संपत्तियों पर भी लागू होगी. ये प्रावधान क्या है?
वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा और राज्यसभामें मैराथन चर्चा के बाद देर रात हुए मतदान में पारित हो गया है. संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद अब ये बिल कानून का रूप लेने से महज एक कदम दूर है और ऐसे में बात अब इसके प्रावधानों में हुए बदलाव और उससे वक्फ बोर्ड पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर होने लगी है. इस संशोधन विधेयक में ऐसा ही एक बदलाव है लिमिटेशन एक्ट को लेकर. सरकार ने इस बिल के जरिये अब वक्फ बोर्ड को भी लिमिटेशन एक्ट के दायरे में ला दिया है.
लिमिटेशन एक्ट से वक्फ को थी छूट
वक्फ अधिनियम 1995 में वक्फ को लिमिटेशन एक्ट से छूट मिली हुई थी. वक्फ अधिनियम की धारा 107 में इस बात का प्रावधान था कि वक्फ संपत्तियों पर लिमिटेशन एक्ट 1963 के प्रावधान लागू नहीं होंगे. लिमिटेशन एक्ट के तहत ये प्रावधान है कि किस मामले में कितने दिनों के अंदर शिकायत दर्ज कराना, केस कराना जरूरी है. तय अवधि के बाद किया गया दावा कोर्ट में खारिज हो जाता है. निजी संपत्ति के मामले में यह सीमा 12 साल है.
इस बात को इस से समझा जा सकता है कि अगर कोई व्यक्ति आपकी जमीन पर कब्जा कर लेता है तो उस जमीन को वापस पाने के लिए आपको 12 साल के भीतर कोर्ट में केस करना होता है. वक्फ को लिमिटेशन एक्ट से मिली छूट को इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि कोई कोई व्यक्ति किसी जमीन पर 50 साल से खेती कर रहा है. वक्फ बोर्ड उस जमीन पर भी दावा कर सकता था कि ये हमारी जमीन है.
संबंधित व्यक्ति के पास अपने बचाव के लिए लिमिटेशन एक्ट को आधार बनाकर कोर्ट में ये दलील देने का अधिकार नहीं था कि आपने क्लेम करने में बहुत देर कर दी. 50 साल से ये संपत्ति मेरे कब्जे में है और इसलिए अब इस पर आपका दावा नहीं बनता. ये मेरी जमीन हो गई.
अब लिमिटेशन एक्ट के दायरे में वक्फ

आगरा में शनिवार को राणा सांगा के खिलाफ बयान के विरोध में करणी सेना के विरोध में करीब 50 से 60 हजार राजपूत इकट्टा होते हैं. कुछ के हाथों में हथियार भी थे. पर भीड़ शांतिपूर्ण ही रही. क्योंकि यूपी सरकार नहीं चाहती थी कि प्रदेश में दंगा हो. पर मुर्शिदाबाद में जुमे की नमाज के बाद भीड़ को नियंत्रित करने का पश्चिम बंगाल सरकार का इरादा शायद यूपी जैसा नहीं था.

वक्फ संशोधन कानून को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की अहम बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में कानूनी मुद्दों को लेकर चर्चा की गई और संशोधित वक्फ कानून का मुस्लिम समाज पर असर को लेकर भी माथापच्ची की गई. बैठक में यह बात भी उठी कि नए कानून से दिक्कत क्या आएगी? कैसे केस लड़ा जाएगा और कानून की स्टडी पर जोर दिया गया.

मेहुल चोकसी बेल्जियम इलाज कराने के लिए पहुंचा था. उसे अस्पताल के लिए एंट्री भी मिल गई थी, लेकिन उसके पिछले रिकॉर्ड्स को देखते हुए कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. उसने बेल्जियम में रेजिडेंसी कार्ड हासिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. फिलहाल वह बेल्जियम पुलिस की हिरासत में जेल में है. इस केस के व्हिसल ब्लोअर ने भी उसे भारत लाने की अपील की है.