नंदगांव में बरसीं बरसाने के हुरियारों पर प्रेम की लाठियां, तस्वीरों में देखें लट्ठमार होली के रंग
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नंदगांव में जमकर लट्ठमार होली खेली गई. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. पहले दिन नंदगांव के हुरियारे बरसाना में होली खेलने जाते हैं और दूसरे दिन बरसाना के हुरियारे नंदगांव होली खेलने आते हैं. होली की शुरुआत बसंत पंचमी के दिन से हो जाती है और 40 दिनों तक ये उत्सव चलता रहता है.
बुधवार को नंदगांव में जमकर लट्ठमार होली खेली गई. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. पहले दिन नंदगांव के हुरियारे बरसाना में होली खेलने जाते हैं और दूसरे दिन बरसाना के हुरियारे नंदगांव में होली खेलने आते हैं. होली की शुरुआत बसंत पंचमी के दिन से हो जाती है और 40 दिन तक ये उत्सव चलता रहता है. हर दिन अलग-अलग तरीके से होली खेलने का चलन है. (फोटो- मदन गोपाल शर्मा) बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण बरसाना होली खेलने गए तो उनसे होली का फगुवा मांगा गया. तब भगवान श्री कृष्ण के पास कुछ नहीं था तो उन्होंने अपना मुकुट और कलंगी राधा रानी जी को दी थी. श्रीकृष्ण ने राधा से कहा था कि उनके पास फगुवा होगा तब हम आप मुकुट और कलंगी वापस ले लगें. तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि बरसाना के हुरियारे फगुवा लेने के लिए नंदगांव जाते हैं और यहां होली खेलते हैं. लोग इस लट्ठमार होली का जमकर आनंद लेते हैं, लट्ठमार होली खेलने के लिए हुरियारे और हुरियारिन परंपरागत कपड़े पहनते हैं. लाठी और डंडे की मार से बचने के लिए नंदगांव के हुरियारे अपने साथ ढाल लेकर आते हैं और बरसाने की हुरियारनों की लाठी से बचते नजर आते हैं. इस दौरान चारों तरफ लाठियों के साथ ही रंग गुलाल भी जमकर उड़ता है और त्योहार का मजा दोगुना हो जाता है.More Related News
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