देश का नाम ऊंचा करने वाली फिल्म के हाल पर खफा हुए सिद्धार्थ, बोले 'इंडिया में इसे कोई नहीं देखेगा'
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'All We Imagine as Light' ने इसी साल कान्स फिल्म फेस्टिवल का दूसरा सबसे बड़ा अवॉर्ड Grand Prix अपने नाम किया था. हालांकि, इंडिया में रिलीज होने पर इस फिल्म को बेहद कम स्क्रीन्स मिली थीं. जानेमाने एक्टर सिद्धार्थ ने अब पायल कपाड़िया की फिल्म को भरपूर एक्सपोजर ना मिलने को लेकर अपनी राय बताई है.
भारत की तरफ से ऑस्कर की रेस के लिए ऑफिशियली चुनी गई फिल्म 'लापता लेडीज' जबसे शॉर्टलिस्ट में जगह बनाने में चूकी है तभी से डायरेक्टर पायल कपाड़िया की फिल्म 'All We Imagine as Light' लगातार चर्चा में है. फिल्म लवर्स और क्रिटिक्स की मानें तो इंडिया की तरफ से ऑस्कर में जाने के लिए 'All We Imagine as Light' एक बेहतर चॉइस थी, जिसने इसी साल कान्स फिल्म फेस्टिवल का दूसरा सबसे बड़ा अवॉर्ड Grand Prix अपने नाम किया था.
हालांकि, इंडिया में रिलीज होने पर इस फिल्म को बेहद कम स्क्रीन्स मिली थीं. जानेमाने एक्टर सिद्धार्थ ने अब पायल कपाड़िया की फिल्म को भरपूर एक्सपोजर ना मिलने को लेकर अपनी राय बताई है. उन्होंने यहां तक कहा कि भारत में ये फिल्म देखी ही नहीं जाएगी.
इंडिया में नहीं देखी जाएगी तमाम इंटरनेशनल अवॉर्ड जीत चुकी फिल्म गलाट्टा प्लस के साथ एक इंटरव्यू में सिद्धार्थ ने 'All We Imagine as Light' की डायरेक्टर पायल कपाड़िया के एक पुराने इंटरव्यू का जिक्र किया. सिद्धार्थ ने पायल के इस इंटरव्यू में कहा था- 'मेरी फिल्म रिलीज हुई, कोई नहीं आया और उन्होंने शोज कैंसिल कर दिए. अगर आपको फिल्म देखनी है तो इसके एक शो के लिए सिग्नेचर कैम्पेन चलाना पड़ेगा.'
सिद्धार्थ ने कहा कि कान्स और गोल्डन ग्लोब्स में ऐतिहासिक मोमेंट के बावजूद, पायल की फिल्म देश की जनता तक नहीं पहुंची. वो पायल की फिल्म के साथ ऐसा होने से खफा नजर आए. सिद्धार्थ आगे बोले, 'उनके प्रोड्यूसर्स को लगता है कि उनकी फिल्म को बड़ी कामयाबी मिली है, लेकिन ऑडियंस कभी उनकी फिल्म नहीं देख पाएगी, जो उनकी फिल्म को अच्छी फिल्म बताती.'
दुनिया भर में भारत का नाम ऊंचा कर रही है पायल की फिल्म पायल कपाड़िया की फिल्म का प्रीमियर मई में कान्स फिल्म फेस्टिवल में हुआ था. इस प्रतिष्ठित फेस्टिवल में 'All We Imagine as Light' सीधा मेन कॉम्पिटीशन में शामिल थी. और इसने कान्स का दूसरा बेस्ट अवॉर्ड Grand Prix अपने नाम किया. ये फिल्म करीब 30 सालों में पहली भारतीय फिल्म थी जो कान्स के मेन कॉम्पिटीशन में पहुंची. ऑलमोस्ट 70 सालों में ये Grand Prix जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म बनी.
कान्स में जीतने के बाद पायल कपाड़िया की फिल्म शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, गॉथम अवॉर्ड्स, न्यू यॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल, लॉस एंजेलिस फिल्म क्रिटिक एसोसिएशन, सैन डिएगो फिल्म क्रिटिक्स सोसाइटी और टोरंटो फिल्म क्रिटिक्स एसोसिएशन जैसे तमाम प्रतिष्ठित फिल्म कॉम्पिटीशन में अवॉर्ड्स जीत चुकी है. फिल्मों के सबसे बड़े अवॉर्ड्स में से एक गोल्डन ग्लोब में भी इसे नॉमिनेशन मिल चुका है.