दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके, हाइराइज बिल्डिंगों को लेकर नोएडा अथॉरिटी ने लिया ये बड़ा फैसला
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इससे पहले बीते 6 नवंबर को भी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में Earthquake के झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में ये भूकंप के झटके आए थे. इसी के साथ उत्तराखंड के टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्नर, पौढ़ी और खटीमा में भूकंप महसूस किया गया था. तब भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई थी.
शनिवार रात एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके (Earthquake in Delhi-NCR) महसूस किए गए. इन लगातार आ रहे झटकों के बाद नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने बड़ा फैसला लिया है, जो हाइराइज बिल्डिंगों को लेकर है. नोएडा विकास प्राधिकरण की 207वीं बोर्ड बैठक में जो अहम फैसले लिए गए उनमें सबसे बड़ा ऐसी इमारतों की स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी को किया अनुमोदित करना है. इस दौरान प्राधिकरण के सीईओ ऋतु महेश्वरी और औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार मौजूद रहे.
भूकंप के लगातार झटकों के बाद फैसला Noida Authority की बोर्ड बैठक में सबसे बड़ा फैसला बहुमंजिला इमारतों (High Rise Buildings) के स्ट्रक्चर ऑडिट को लेकर हुआ. बीते कुछ दिनों से दिल्ली एनसीआर में भूकंप (Earthquake) के कई झटके आए हैं, ऐसे में बहुमंजिला इमारतों का स्ट्रक्चर ऑडिट को लेकर कई सोसाइटी की ओर से मांग की जा रही थी. प्राधिकरण के नियोजन विभाग के पास भी ऑडिट के नियमावली बनाने काम पिछले बोर्ड बैठक में दिया गया था और बैठक के दौरान स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी को अनुमोदित कर दिया.
इस तरह काम करेगी पॉलिसी इस पॉलिसी के अनुसार कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने से पहले बिल्डर्स को विशेषज्ञ संस्थाओं से स्ट्रक्चर ऑडिट करवाकर प्राधिकरण को रिपोर्ट सौंपनी होगी. इसके बाद ही स्ट्रक्चरल ऑडिट जारी किया जाएगा और उसके बाद भी अगर टावर के 25 फीसदी या उससे अधिक रेजिडेंट स्ट्रक्चर डिफेक्ट की शिकायत करते हैं, तो एक टीम गठित कर शिकायत की गंभीरता से जांच की जाएगी.
विशेषज्ञ संस्थाओं से स्ट्रक्चर ऑडिट स्ट्रक्चर डिफेक्ट माइनर है या मेजर है इसको लेकर स्ट्रक्चर डिफेक्ट के लिए विशेषज्ञ संस्थाओं से स्ट्रक्चर ऑडिट कराया जाएगा, अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट के स्ट्रक्चर ऑडिट को दूर करने की जिम्मेदारी दो साल तक बिल्डर की रहेगी. रेरा अधिनियम के अनुसार स्ट्रक्चर डिफेक्ट को दूर करने के जिम्मेदारी पांच साल तक बिल्डर की है और इस अवधि के बाद एक स्ट्रक्चर ऑडिट को एओए देखेगा.
बिल्डर की जिम्मेदारी निर्धारित अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में यह भी बताया गया है कि अगर किसी बिल्डिंग का स्ट्रक्चर ऑडिट नेगेटिव आता है, तो ऐसी स्थिति में कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने से 5 साल के अंदर तक स्ट्रक्चर डिफेक्ट को दूर करना पूरी तरह से बिल्डर की जिम्मेदारी होगा. दो साल से लेकर पांच साल के बीच अगर कोई डिफेक्ट बिल्डिंग में होता है, तो उसे किसी स्थापित एजेंसी से ऑडिट कराकर जो कमी निकलेगी ठीक करवाने के लिए रेरा बिल्डर से कहने के लिए प्राधिकरण को बताएगा. वहीं 5 साल से ज्यादा की पुरानी बिल्डिंग हो के स्ट्रक्चर ऑडिट डिफेक्ट करने की जिम्मेदारी एओए की रहेगी.
एक हफ्ते में दूसरी बार हिली धरती गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर की धरती शनिवार की रात एक बार फिर कांपी थी. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद सहित उत्तराखंड में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप का केंद्र नेपाल में था, इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई. भूकंप के ये झटके रात को सात बजकर 57 मिनट पर आए थे. एक हफ्ते में ये दूसरी बार है जब कि राष्ट्रीय राजधानी और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
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