दिल्ली HC ने कांग्रेस की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला, ITAI के आदेश को दी है चुनौती
AajTak
ITAT के आदेश के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने कहा कि आईटीएटी के आदेश में कोई खामी नहीं है. कांग्रेस खुद इसके लिए दोषी है, क्योंकि साल 2021 से कांग्रेस के लोग सो रहे थे. साथ ही हाई कोर्ट इस मामले में बुधवार को अपना फैसला सुना सकता है.
आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) के आदेश के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि आईटीएटी के आदेश में कोई खामी नहीं है. कांग्रेस की इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की थी. अदालत ने सुनवाई के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि आईटीएटी के आदेश में कोई खामी नहीं है. कांग्रेस खुद इसके लिए दोषी है, क्योंकि साल 2021 से कांग्रेस के लोग सो रहे थे. सिर्फ इसलिए कि आप 2024 में जाग गए हैं, लेकिन इससे चीजें नहीं बदलेंगी.
कल फैसला सुना सकता है HC सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत इस मामले को फिर से आईटीएटी में भेजने के लिए इच्छुक है ताकि इस पर पुनर्विचार किया जा सके कि क्या विवादित राशि का 20 प्रतिशत जमा करने पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि, पीठ ने कहा कि कांग्रेस की इस याचिका पर अदालत बुधवार को अपना फैसला सुना सकती है.
तो कैसे लड़ेंग चुनाव: कांग्रेस कांग्रेस ने तर्क दिया कि अगर आईटी विभाग की कार्रवाई पर नहीं लगाई गई तो कांग्रेस 2024 का आम चुनाव कैसे लड़ेगी. वहीं, आईटी विभाग ने हाईकोर्ट को बताया कि यह कार्रवाई अभी की नहीं है. ये कार्रवाई साल 2021 से चल रही है. हमने उन्हें कई नोटिस जारी किए हैं. बता दें कि आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े 4 बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिए. आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है, यानी कांग्रेस को ये रकम जुर्माना के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी. इसके खिलाफ पार्टी ने आयकर अपीलीय प्राधिकरण में अपील की थी, लेकिन इस अपील को खारिज कर दिया गया है. जिसके पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है.
भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.