दिल्ली मेट्रो में लेडीज सीट के ऊपर कंडोम के विज्ञापन, भड़के लोग
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दिल्ली मेट्रो के कोच के अंदर लगे कंडोम के विज्ञापन पर लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं. लोग इसे शर्मिंदगी का कारण बता रहे हैं और कह रहे हैं कि सिर्फ रेवेन्यू से ही मतलब नहीं होना चाहिए. वहीं दूसरे पक्ष के लोगों को विज्ञापन गलत नहीं लग रहा है. हालांकि, उठते सवालों के बीच डीएमआरसी ने बताया है कि मेट्रो से फिलहाल विज्ञापन को हटा दिया गया है.
दिल्ली मेट्रो के कोच की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. फोटो में मेट्रो के अंदर महिलाओं के लिए रिजर्व सीट के ऊपर कंडोम का एक विज्ञापन लगा दिखता है. इसमें बेड पर एक कपल काफी रोमांटिक अंदाज में नजर आते हैं. फोटो को शेयर कर लोग इसे शर्मिंदगी का कारण बता रहे हैं और डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) पर निशाना साध रहे हैं. वहीं कुछ लोग इसे गलत नहीं मान रहे हैं.
ट्विटर पर विज्ञापन की फोटो शेयर करते हुए एक शख्स ने लिखा- दिल्ली मेट्रो की एक ट्रेन इस विज्ञापन से भरा हुआ है, जो कि पैसेंजर्स के लिए बहुत शर्मिंदगी का कारण बन रहा है. पोस्ट पर शख्स को जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा- इसमें शर्मिंदगी वाली क्या बता है? किसी भी चीज को देखने के हमेशा दो तरीके होते हैं.
कंडोम के विज्ञापन को लेकर डीएमआरसी पर सवाल उठाते हुए एक यूजर ने लिखा- सिर्फ रेवेन्यू से ही मतलब नहीं होना चाहिए. समाज के प्रति भी आपकी जिम्मेदारी है, जिसे पैसों से ऊपर देखना और निभाना चाहिए. दूसरे यूजर ने लिखा- इस विज्ञापन को हटा दें ताकि सफर के दौरान महिलाएं कंफर्टेबल फील कर सके. तीसरे ने लिखा- इनको बस पैसे कमाने से मतलब है? महिला मान-सम्मान से कोई मतलब नहीं है? क्या मेट्रो का कोई अधिकारी या कर्मचारी इस विज्ञापन को अपने घर के अंदर या बाहर लगाएगा?
हालांकि, मेट्रो का यह विज्ञापन कुछ लोगों को बिल्कुल भी गलत नहीं लग रहा है. एक यूजर ने लिखा- इसमें गलत क्या हुआ? जैसे बोला जाता है, लड़की के कपड़े नहीं आपकी सोच छोटी है, वैसे ही विज्ञापन तो घटिया नहीं है, देखने वाले की नजर घटिया है. दूसरे यूजर ने लिखा- इसमें कुछ गलत नहीं है. महिलाओं को सुरक्षित सेक्स का अधिकार है. यह विज्ञापन महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करता है.
डीएमआरसी का कहना है कि इसमें कोई भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है. लेकिन बावजूद इसके लोगों की फीलिंग को ध्यान में रखते हुए दिल्ली मेट्रो ने फिलहाल इस ऐड को हटा दिया गया है.
(इनपुट- कुमार कुणाल)
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