दिल्ली में तेज बारिश, फिर बढ़ेगा यमुना का पानी? CM केजरीवाल ने बनाया 'एक्शन प्लान'
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यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली में बने हालाप आरोपों का दौर शुरू हो गया. दिल्ली सरकार ऐसे हालात के लिए शीर्ष नौकरशाहों को जिम्मेदार मान रही है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी को लेटर लिखकर तीन अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में सभी मंत्रियों को प्रभावित इलाकों की जिम्मेदारी दे दी गई है.
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर भले ही घटने लगा हो लेकिन मुसीबत अभी दूर नहीं हुई है. दिल्ली में शनिवार शाम को दिल्ली-एनसीआर में जमकर बारिश हुई. दिल्ली सरकार ने भी आशंका जताई है कि दिल्ली में मूसलाधार बारिश से हालात बिगड़ सकते हैं. वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर यमुना में आई बाढ़ की समीक्षा की गई. बाढ़ और बारिश से होने वाले संकट को दूर करने की रणनीतियों पर बात हुई.
इसके अलावा बैठक में दिल्ली के सभी 6 मंत्रियों को एक-एक बाढ़ प्रभावित जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है. तय किया गया है कि हर मंत्री अपने-अपने जिलों में पुनर्वास और राहत उपायों की देखरेख करेगा. इसके अलावा अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों की रिपोर्ट संबंधित मंत्री को देने का आदेश भी दिया गया है.
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बैठक के दौरान लापरवाही बरतने पर दिल्ली सरकार के शीर्ष नौकरशाहों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कर्तव्य की अवहेलना, मंत्रियों की अवज्ञा नहीं है, बल्कि संकट के समय में दिल्ली के लोगों के खिलाफ अपराध है. दिल्ली के शीर्ष अधिकारियों के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि क्या आपने हरियाणा, यूपी के मुख्य सचिव को प्रेस करते देखा है.
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने एलजी वीके सक्सेना को पत्र लिखकर सीएस नरेश कुमार, डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार और आईएफसी सचिव आशीष कुंद्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि नौकरशाहों ने जानबूझकर दो मंत्रियों के निर्देशों की अनदेखी की. मंत्रियों ने इन अधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि WHO बिल्डिंग रेगुलेटर की मरम्मत के लिए रात में NDRF और आर्मी इंजीनियर्स रेजिमेंट को बुलाएं. अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट समेत लुटियंस दिल्ली के वीआईपी क्षेत्रों में बाढ़ का कारण बने निर्देशों की अनदेखी की. बाद में एलजी ने दावा किया कि काम तभी हो सकता है, जब एनडीआरएफ और इंजीनियर्स रेजिमेंट को अगले दिन बुलाया जाए. अगर मंत्रियों के निर्देशों का पालन किया गया होता और पिछली रात सेना/एनडीआरएफ को बुलाया गया होता तो बाढ़ से बचा जा सकता था. अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ साजिश रची. उन्होंने कहा कि देखना होगा कि एलजी जिम्मेदार अधिकारियों को सजा देते हैं या बचाते हैं.
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