दिल्ली की तीसरी महिला CM बनीं आतिशी, जानें- इनसे पहले किस-किस ने संभाली राजधानी की कमान
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दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा विभाग संभाल रही थीं. उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से एक माना जाता है. केजरीवाल ने जबसे इस्तीफे का ऐलान किया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
आतिशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं. उनसे पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. आतिशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं. उनसे पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. कांग्रेस की शीला दीक्षित 1998 में दिल्ली की सीएम बनी थीं. वह 15 साल और 25 दिन तक इस पद पर बनी रहीं. जबकि बीजेपी की फायरब्रांड नेता रहीं सुषमा स्वराज 1998 में केवल 52 दिनों के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं.
दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा विभाग संभाल रही थीं. उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से एक माना जाता है. केजरीवाल ने जबसे इस्तीफे का ऐलान किया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. हुआ भी ऐसा ही. AAP की विधायक दल की बैठक में आतिशी को मुख्यमंत्री चुन लिया गया.
शीला दीक्षित के करीब एक दशक बाद दिल्ली में महिला सीएम की वापसी हुई है. साथ ही आतिशी भारत में सबसे कम उम्र की प्रमुख महिला सीएम चेहरों में से एक बन गई हैं. अब तक की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड शशिकला काकोडकर के नाम है, जो 38 साल की उम्र में गोवा की पहली महिला सीएम बनीं. नंदिनी सत्पथी 41 साल की उम्र में ओडिशा की सीएम बनीं. बसपा नेता कुमारी मायावती के 39 वर्ष की उम्र में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं. मायावती के अलावा, सीएम पद संभालने वाली एक और युवा महिला मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी थीं.
52 दिनों के लिए CM बनीं थी सुषमा स्वराज
आतिशी से पहले जो दो महिला मुख्यमंत्री बनी थीं, उनमें बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर शीला दीक्षित का नाम शामिल है. सुषमा स्वराज के रूप में दिल्ली को पहली बार साल 1998 में महिला मुख्यमंत्री मिली. प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था और उसके बाद सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया. सुषमा सिर्फ 52 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाईं और चुनाव नतीजे आए तो बीजेपी बुरी तरह हार गई. साल 1993 में जिस बीजेपी की 49 सीटें आई थीं, 5 साल बाद एंटी इंकम्बेंसी की वजह से सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गई.
कांग्रेस ने शीला दीक्षित को बनाया तीन बार CM
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