
तीन नोटिस के बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे कुणाल कामरा, आज खत्म हो रही मद्रास HC से मिली राहत
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कुणाल कामरा ने पिछले दिनों एक वीडियो में कथित तौर पर बिना नाम लिए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को 'गद्दार' कहा था, इसके बाद कुणाल के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था.
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने खुद पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने एफआईआर की वैधता, शुद्धता और औचित्य को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिक दायर करके एफआईआर रद्द करने की मांग की है. पिछले दिनों उन्होंने एक वीडियो में कथित तौर पर बिना नाम लिए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को 'गद्दार' कहा था, इसके बाद कुणाल कामरा के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था.
सीनियर एडवोकेट नवरोज सेरवाई और एडवोकेट अश्विन थूल सुनवाई के लिए जस्टिस सारंग कोटवाल और एस.एम. मोदक की बेंच के समक्ष याचिका पर बात करेंगे.
मुंबई पुलिस को लिखा था पत्र
हाई कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले कुणाल कामरा ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर गुजारिश किया कि उनका बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए दर्ज किया जाए. कॉमेडियन ने यह तब कहा, जब खार पुलिस स्टेशन ने उन्हें तीन समन जारी किए, जिसमें उन्हें विवादास्पद बयान के बारे में पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए कहा गया.
बता दें कि कुणाल कामरा को 2 अप्रैल को तीसरा समन जारी किया गया, जिसमें उन्हें 5 अप्रैल को पूछताछ के लिए पुलिस के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया. हालांकि, कुणाल कामरा इन समन का पालन करने में असफल रहे, लिहाजा उन्होंने अपना बयान देने के लिए वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग विकल्प की गुजारिश की. खार पुलिस ने अभी तक कुणाल कामरा की नई अपील का जवाब नहीं दिया है.
4 अप्रैल को खार पुलिस की एक टीम कुणाल कामरा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करने के लिए पुडुचेरी पहुंची. कुणाल कामरा तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं. इस बीच मद्रास हाई कोर्ट से मामले में 7 अप्रैल तक के लिए कामरा को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई थी. यह जमानत उन्हें उस राज्य में दी गई है, जहां एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, जो गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा देती है.

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