'जैसी ग्राहक की डिमांड, वैसी मार्कशीट' 30 हजार में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाली गैंग का पर्दाफाश
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आरोपियों ने बताया कि वे बेरोजगार, परीक्षा में फेल और नौकरी की आयु पार कर चुके लोगों की फर्जी मार्कशीट और अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाकर उपलब्ध कराया करते थे. अलग-अलग बोर्ड से संबंधित सर्टिफिकेट देते थे. 30 हजार रुपये तक इन सर्टिफिकेट के लिए वसूलते थे.
नोएडा पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह किसी भी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री और मार्कशीट उपलब्ध करा दिया करता था. इनके कब्जे से अलग-अलग राज्यों के शैक्षणिक संस्थानों की फर्जी मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, एडमिट कार्ड और कैरेक्टर सर्टिफिकेट सहित मार्कशीट छापने वाले प्रिंटर और अन्य मशीनें बरामद की हैं.
दरअसल, एडिशनल डिसीपी सेंट्रल नोएडा राजीव दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नरेट द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत थाना सेक्टर 63 पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और अन्य प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इसमें से दो आरोपी मूलतः गौतमबुद्ध नगर के ही रहने वाले हैं. इनमें से एक आरोपी को पहले भी ऐसे ही मामले में एसटीएफ गिरफ्तार चुकी है. आरोपियों के कब्जे से 30 अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों के मार्कशीट, माइग्रेनशन सर्टिफिकेट, डिग्रियां, प्रिंटिंग मशीन और अन्य सामान बरामद हुआ है.
जिसकी जैसी जरूरत, वैसे सर्टिफिकेट
पुलिस की पूछताछ में तीनों गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है कि वे बेरोजगार, परीक्षा में फेल और नौकरी की आयु पार कर चुके लोगों की फर्जी मार्कशीट और अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाकर उपलब्ध कराया करते थे. अलग-अलग बोर्ड से संबंधित सर्टिफिकेट देते थे. ग्राहक की इच्छा के अनुसार उसकी उम्र, प्राप्त अंको, प्रतिशत और ग्रेड मार्कशीट में लिख देते थे. फर्जी प्रमाण पत्र और मार्कशीट आदि बनवाने वाले इसका प्रयोग नौकरी पाने और किसी अन्य काम में करते थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मार्कशीट और दूसरे कागजात बनाने के 20-30 हजार रूपए चार्ज करते थे.
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दिल्ली, नोएडा में फैला रखा का काला धंधा
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