जीतन राम मांझी की एंट्री से टूट गया मोदी कैबिनेट में 75+ का फॉर्मूला... कभी नजमा और कलराज मिश्र को होना पड़ा था बाहर
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2014 की तरह 2019 में भी मोदी मंत्रिमंडल में 75 साल से ज्यादा उम्र वाले किसी भी सांसद को शामिल नहीं किया था. साल 2016 में नजमा हेपतुल्ला और कलराज मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटना पड़ा था. हालांकि, 2024 का कैबिनेट देखें तो सिर्फ जीतन राम मांझी (79) को कैबिनेट में जगह दी गई है.
नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उनके अलावा 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. प्रधानमंत्री मोदी की इस कैबिनेट में हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (HAM) के जीतनराम मांझी भी शामिल हैं. मांझी 79 साल के हैं और इस समय कैबिनेट के सबसे उम्रदराज मंत्री भी हैं.
मांझी के मंत्री बनने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी कैबिनेट में 75+ का फॉर्मूला टूट गया है? दरअसल, जून 2016 में मोदी कैबिनेट से ऐसे मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई थी, जिनकी उम्र 75 साल या उससे ज्यादा थी. तब कहा गया था कि इन मंत्रियों को इनकी उम्र की वजह से ही कैबिनेट से हटाया गया है.
दरअसल, इसकी शुरुआत 2014 के चुनाव में जीत के बाद कर दी गई थी. 2014 में पहली बार अपने दम पर सत्ता में आई बीजेपी ने उम्रदराज नेताओं को प्रशासनिक पदों पर नियुक्त नहीं करने का फैसला लिया था. 2014 में जीत के बाद बीजेपी ने मार्गदर्शक मंडल बनाया, जिसमें 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को शामिल किया गया. इस मार्गदर्शक मंडल में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा जैसे नेताओं को शामिल किया गया.
जुलाई 2016 का कैबिनेट विस्तार
जुलाई 2016 में मोदी सरकार में कैबिनेट विस्तार किया गया था. इससे पहले छह मंत्रियों से इस्तीफा मांगा गया था. इन मंत्रियों में 76 साल की नजमा हेपतुल्ला भी शामिल थीं. नजमा हेपतुल्ला उस वक्त मोदी कैबिनेट की सबसे उम्रदराज मंत्री थीं. वो अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री थीं. उनके इस्तीफे के बाद मुख्तार अब्बास नकवी को इस मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्हें मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया था.
जिस वक्त नजमा हेपतुल्ला से इस्तीफा लिया गया था, तब मोदी कैबिनेट में कलराज मिश्र भी ऐसे मंत्री थे जिनकी उम्र 75 साल को पार कर गई थी. हालांकि, उस समय कलराज मिश्र से इस्तीफा नहीं लिया गया था. वो इसलिए क्योंकि अगले ही साल उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे. हालांकि, विधानसभा चुनाव के बाद सितंबर 2017 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. तब उन्होंने कहा था कि वो 77 साल के हो चुके हैं, इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं.
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