जिसने 11 लाख ठगे, उसी स्कैमर को दिल दे बैठी महिला, हुई 'स्टॉकहोम सिंड्रोम' का शिकार, क्या है ये?
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स्कैमर ने खुद के घोटाले में फंसे होने का दावा किया. उसने महिला को उसकी मदद करने के लिए मना लिया. उसने कहा कि वापस लौटने के लिए उसे एक गिरोह को पैसे देने होंगे. इन सबके बावजूद महिला ने उसके साथ रोमांटिक रिश्ता बनाए रखा.
स्टॉकहोम सिंड्रोम का एक अनोखा मामला सामने आया है. जिसका शिकार एक 40 साल की महिला हुई. ये मामला चीन का है. यहां रहने वाली एक महिला से स्कैमर ने 11 लाख रुपये की ठगी कर ली. इतने बड़े नुकसान के बावजूद ये महिला स्कैमर के बारे में सकारात्मक सोच रख रही थी. हैरानी की बात ये है कि महिला ने ठगी के काम में भी स्कैमर का साथ देना शुरू कर दिया. वो भी उसके साथ मिलकर अन्य लोगों के साथ ठगी करने लगी.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, 'हू नाम की महिला ने म्यांमार में एक घोटालेबाज गिरोह द्वारा कोटा पूरा करने के लिए मजबूर किए जाने की स्कैमर की कहानी पर विश्वास किया और उसकी मदद करने के लिए सहमत हो गई, ताकि दोनों चीन में सुकून से रह सकें. हू शंघाई से है. पिछले साल मई महीने में एक ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफॉर्म पर वो चेन नामक व्यक्ति से मिली. चेन ने हू को आश्वस्त किया कि वो एक सभ्य इंसान है. उसने दावा किया कि उसके पास अधिक रिटर्न देने वाला इन्वेस्टमेंट अकाउंट है. उसने हू को उस अकाउंट में निवेश करने के लिए सहमत कर लिया. एक दिन जब वो अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पा रही थी, तब उसे पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है.'
चेन ने उत्तरी म्यांमार के खुद के घोटाले में फंसने का दावा किया था. उसने हू को उसकी मदद करने के लिए मना लिया. उसने कहा कि चीन लौटने के लिए उसे एक गिरोह को पैसे देने होंगे. इन सबके बावजूद हू ने चेन के साथ रोमांटिक रिश्ता बनाए रखा. दोनों के बीच ऑनलाइन बातचीत इस कदर बढ़ी कि वो एक दूसरे को पति पत्नी कहकर संबोधित करने लगे. पुलिस ने हू को पिछले साल 19 सितंबर को गिरफ्तार किया था. मुकदमे के दौरान उसने अपने अपराध स्वीकार कर लिए. इस मामले को जानने के बाद चीन के लोग हैरानी जता रहे हैं.
स्टॉकहोम सिंड्रोम किसी व्यक्ति की उस मनोवैज्ञानिक स्थिति को कहा जाता है, जिसमें वो अपने साथ कुछ गलत करने वाले इंसान के साथ सहानुभूति रखने लगता है. इस सिंड्रोम का नाम एक घटना पर आधारित है. जो 23 अगस्त, 1973 में हुई थी. तब स्वीडन के स्टॉकहोम के एक बैंक में डकैती हुई थी. तब कुछ बंधक पुलिस के साथ गतिरोध के दौरान अपने बंधकों का पक्ष लेते दिखाई दिए थे. उन्होंने अपने ही साथ अपराध करने वाले का साथ देना शुरू कर दिया. उसकी बातों पर भरोसा कर लिया था.
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