'जहां ये गए, वहां अशांति हुई...' इंडोनेशिया के लोगों ने रोहिंग्या मुस्लिमों का किया विरोध, नाव से उतरने तक नहीं दिया
AajTak
इंडोनेशिया के एक तट पर नाव में सवार होकर पहुंचे 140 रोहिंग्या मुस्लिमों को स्थानीय लोगों ने उतरने नहीं दिया. मछुआरा समुदाय के प्रमुख मोहम्मद जबल ने कहा, 'हमारे मछुआरा समुदाय ने उन्हें इसलिए यहां नहीं उतरने दिया क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि अन्य जगहों पर जो कुछ हुआ वो यहां हो.'
इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे रोहिंग्या मुस्लिमों वहां के स्थानीय लोगों ने नाव से नीचे नहीं उतरने दिया. लकड़ी की नाव में सवार होकर 140 भूखे रोहिंग्या मुस्लिम इंडोनेशिया के उत्तरी प्रांत आचे के तट से लगभग 1 मील (0.60 किलोमीटर) दूर उतरने की कोशिश कर रहे थे. इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल थे जिन्हें स्थानीय निवासियों ने उतरने नहीं दिया.
स्थानीय पुलिस ने बताया कि बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार से दक्षिण आचे जिले के लाबुहान हाजी के तट तक करीब दो हफ़्ते की यात्रा के दौरान तीन रोहिंग्या की मौत हो गई. अधिकारियों ने रविवार से 11 रोहिंग्या को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया.
'हम नहीं चाहते यहां अशांति पैदा हो'
दक्षिण आचे में मछुआरा समुदाय के प्रमुख मोहम्मद जबल ने कहा, "हमारे मछुआरा समुदाय ने उन्हें इसलिए यहां नहीं उतरने दिया क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि अन्य जगहों पर जो कुछ हुआ वो यहां हो. वो जहां गए वहां स्थानीय लोगों के बीच अशांति पैदा हुई है." बंदरगाह पर लटके एक बड़े बैनर पर लिखा था: “साउथ आचे रीजेंसी के लोग इस क्षेत्र में रोहिंग्या शरणार्थियों के आगमन को अस्वीकार करते हैं.”
यह भी पढ़ें: 'बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के साथ खड़े हैं JMM के लोग', जमशेदपुर की रैली में बोले PM नरेंद्र मोदी
आचे पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, रोहिंग्या मुस्लिमों का समूह 9 अक्टूबर को कॉक्स बाजार से रवाना हुआ जो मलेशिया जाना चाहता था. नाव पर सवार कुछ यात्रियों ने कथित तौर पर दूसरे देशों में जाने के लिए पैसे दिए थे. जबल ने कहा कि स्थानीय निवासियों ने समूह को भोजन दिया है. इसके अलावा शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने भी उन्हें भोजन उपलब्ध कराया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.