छात्र नेता युवराज सिंह जाडेजा गिरफ्तार, पुलिस ने कहा- छात्रों से वसूले एक करोड़ रुपये
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डमी कैंडिडेट स्कैम में दो छात्रों से नाम छुपाने के लिए एक करोड़ रुपये लेने वाले छात्र नेता युवराज सिंह जाडेजा अब पुलिस की गिरफ्त में है. उसका कहना है कि इस मामले में गुजरात के पूर्व शिक्षा मंत्री जीतू वाधाणी और सरकारी परीक्षा भर्ती बोर्ड के चेयरमेन असीत वोरा को भी समन भेजना चाहिए.
गुजरात में पेपर लीक और फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग के मामले में कई खुलासे करने वाले छात्र नेता युवराज सिंह को भावनगर की निलम बाग थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि युवराज ने डमी कैंडिडेट स्कैम (Dummy Candidate Scam) में छात्र के नाम जाहिर ना करने के लिए उनसे एक करोड़ रुपये लिए हैं.
भावनगर आईजी गौतम परमार के मुताबिक युवराज सिंह ने छात्रों के नाम ना लेने के लिए उन पर दबाव बनाया और एक छात्र से 45 लाख और दूसरे से 55 लाख रुपये ऐंठे. युवराज सिंह पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 388,120 बी और 114 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एग्जाम किसी और ने दिया, नौकरी किसी और को मिली
दरअसल, डमी कैंडिडेट स्कैम में छात्र नेता युवराज सिंह के जरिए दावा किया गया था कि भावनगर में 10 छात्र ऐसे हैं जो दूसरे छात्र की जगह पर एग्जाम में शामिल हुए और उन लड़कों को सरकारी नौकरी मिल गई है.
युवराज सिंह के इस दावे के बाद गुजरात की भावनगर पुलिस ने ऐसे 36 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया जो सरकारी एग्जाम में डमी कैंडिडेट बन कर शामिल हुए थे. इस मामले में अब तक भावनगर पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है.
गुजरात के पूर्व शिक्षा मंत्री का लिया नाम
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.