चीन, पाकिस्तान, इराक... वो देश जिनका हुक्का-पानी बंद करने का भारतवंशी निक्की हेली ने लिया प्रण
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अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव है. लेकिन अभी से चुनावी शोर-शराबा शुरू हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बाद अब रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी उम्मीदवार निक्की हेली ने भी चुनावी बिगुल बजा दिया है. उन्होंने प्रण लिया है कि अगर राष्ट्रपति बनती हैं तो चीन, पाकिस्तान और इराक को मिलने वाली सभी मदद बंद कर दी जाएंगी.
यूं तो अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को डेढ़ साल से भी ज्यादा का समय बचा है, लेकिन चुनाव के लिए तैयारियां अभी से तेज हो गई हैं. अलग-अलग उम्मीदवारों अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए अमेरिका के लोगों से बड़े-बड़े चुनावी वादे कर रहे हैं. राष्ट्रपति पद की दौड़ में इस बार भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली (51) भी रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी जता रही हैं.
निक्की ने अपने चुनावी वादों में अमेरिका विरोधी देशों को सबक सिखाने की बात कहनी शुरू कर दी है. उन्होंने हाल ही में कहा है कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतकर अमेरिका की सत्ता में आती हैं तो चीन, पाकिस्तान और इराक जैसे अमेरिका विरोधी देशों को जाने वाली विदेशी मदद में पूरी तरह से कटौती कर देंगी.
इससे पहले निक्की दो बार दक्षिण कैरोलिना से गवर्नर चुनी जा चुकी हैं. इसके अलावा वह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत भी रही हैं. फरवरी महीने की शुरुआत में निक्की ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में खुद को शामिल करने का ऐलान किया था. बता दें कि अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है.
निक्की हेली ने अपने संबोधन में कहा कि जो देश अमेरिका से नफरत करते हैं, उन्हें मिलने वाली मदद को बिल्कुल खत्म कर दिया जाएगा. एक शक्तिशाली अमेरिका कभी भी बुरे लोगों को आर्थिक मदद नहीं करेगा. हमें अमेरिका के लोगों की मेहनत की कमाई को इस तरह बर्बाद नहीं करना चाहिए.
अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में निक्की हेली ने कहा कि अमेरिकी मदद उन देशों को मिलनी चाहिए, जो भरोसे के लायक हैं और दुश्मनों के खिलाफ अमेरिका के साथ खड़े रहते हैं. निक्की हेली ने पाकिस्तान, चीन और इराक के साथ ही रूस की मदद करने वालों को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि चीन और रूस दोनों ही अमेरिका के विरोधी हैं. अगर वह राष्ट्रपति बनती हैं तो इनकी मदद करने वाले देशों को अमेरिका की मदद तत्काल प्रभाव से बंद की जाएगी.
निक्की हेली ने बताया कि अमेरिका ने पिछले साल दूसरे देशों की मदद पर 46 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे. यह पैसा चीन, पाकिस्तान और इराक जैसे देशों को दिया जाता है. अमेरिका के करदाता यह जानने के हकदार हैं कि आखिर यह पैसे जा कहां रहे हैं. जब उन्हें यह पता चलेगा तो वह चौंक जाएंगे कि इस मदद का ज्यादातर हिस्सा अमेरिका के खिलाफ काम करने वाले देशों की मदद में खर्च होता है. राष्ट्रपति बनते ही वह इस पर रोक लागाएंगी.
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