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चीन का आया नाम! भारतीय बाजार में हाहाकार के पीछे बड़ा खेल, ये आंकड़े सबूत
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भारतीय शेयर बाजार में मचे हहाकार के पीछे का सिर्फ ट्रंप का टैरिफ प्लान ही नहीं, बल्कि चीन का भी नाम आया है. दरअसल, पिछले साल अक्टूबर से ही विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से खूब निकासी कर रहे हैं. विदेशी निवेशक हर दिन हजार करोड़ों की भारतीय इक्विटी बेच रहे हैं और यह पैसा चीन और अमेरिकी बाजार में जा रहा है.
देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर बड़ा ऐलान किया कि 'जैसा को तैसा' टैक्स (Reciprocal Tariffs) लगाया जाएगा. ट्रंप का कहने का मतलब यह है कि जो देश जितना टैक्स लगाएगा, उसपर उतना ही टैक्स अमेरिका लगाएगी. इसके अलावा, उन्होंने भारत को लेकर कहा कि भारत अन्य देशों की तूलना में ज्यादा टैक्स वसूलता है. ट्रंप की ये सभी बातें भारतीय शेयर बाजार को रास नहीं आ रही हैं और Sensex-Nifty में बड़ी गिरावट देखी जा रही है.
भारतीय शेयर बाजार में मचे हहाकार के पीछे का सिर्फ ट्रंप का टैरिफ प्लान ही नहीं, बल्कि चीन का भी नाम आया है. दरअसल, पिछले साल अक्टूबर से ही विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से खूब निकासी कर रहे हैं. विदेशी निवेशक हर दिन हजार करोड़ों की भारतीय इक्विटी बेच रहे हैं और यह पैसा चीन और अमेरिकी बाजार में जा रहा है.
FPI ने 7 दिन में 1 लाख करोड़ निकाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार बिकवाली ने शेयर बाजार के निवेशकों को बेचैन कर दिया है. आंकड़ों से पता चलता है कि FPI ने लगातार सात करोबारी सत्रों तक घरेलू शेयर बेचे हैं और अब तक कुल निकासी 97,104 करोड़ रुपये हो चुकी है. साल 2025 में 1 लाख करोड़ रुपये के करीब विदेशी निवेशकों ने इक्विटी बेच दी है. डेडिकेटेड फंड नए दौर में घरेलू शेयर बेच रहे हैं. दूसरी ओर, चीन ने विदेशी निवेशकों को अपनी ओर आकर्षिक करना शुरू कर दिया है.
जिस कारण भारतीय बाजार से पैसा निकालकर विदेशी निवेशक चीन और अमेरिका में पैसा लगा रहे हैं. पिछले दो सप्ताह से चीन में विदेशी फंड का प्रवाह सुधर रहा है. इस सप्ताह 573 मिलियन डॉलर का प्रवाह अक्टूबर 2024 के बाद सबसे बड़ा है.
यहां से बढ़ रहा दबाव एलारा सिक्योरिटीज ने कहा कि भारत में निवेश लगातार पांचवें महीने दबाव में बना हुआ है और इस सप्ताह 405 मिलियन डॉलर की निकासी हुई है. इसमें से 238 मिलियन डॉलर डेडिकेटेड फंड्स से निकाले गए. जबकि अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार अमेरिकी फंड से भारत की निकासी रुकी है. दबाव अन्य सेक्टर्स से बढ़ रहा है जैसे आयरलैंड (103 मिलियन डॉलर की गिरावट), लक्जमबर्ग (88 मिलियन डॉलर की गिरावट) और जापान (46 मिलियन डॉलर की गिरावट).
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट भारतीय शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान तेजी देखी गई थी, लेकिन फिर बड़ी गिरावट आई. निफ्टी 250 अंक के आसापस गिर गया था, जबकि सेंसेक्स में 650 अंकों की गिरावट आई थी. हालांकि दोपहर 2 बजे के बाद शेयर बाजार में तेज रिकवरी आई और सेंसेक्स 150 अंक टूटकर 75,993.40 पर और निफ्टी 100 अंक गिरकर 22,935.10 पर कारोबार कर रहा था.
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इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (India Bullion And Jewellers Association) के मुताबिक, शुक्रवार को शाम को 24 कैरेट सोना (Gold Rate) 85998 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो आज, 17 फरवरी, 2025 की सुबह कमी के साथ 84959 रुपये तक आ गया है. इसी तरह शुद्धता के आधार पर सोना-चांदी दोनों ही सस्ते हुए हैं.
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भारतीय शेयर बाजार में मचे हहाकार के पीछे का सिर्फ ट्रंप का टैरिफ प्लान ही नहीं, बल्कि चीन का भी नाम आया है. दरअसल, पिछले साल अक्टूबर से ही विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से खूब निकासी कर रहे हैं. विदेशी निवेशक हर दिन हजार करोड़ों की भारतीय इक्विटी बेच रहे हैं और यह पैसा चीन और अमेरिकी बाजार में जा रहा है.