चार साल की बच्ची के दिल का छेद बंद करते समय अंदर चला गया डिवाइस, डॉक्टरों ने नहीं हारी हिम्मत और फिर...
AajTak
MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डॉक्टरों ने एक जटिल प्रकिया के जरिए बच्ची के दिल के अंदर चली गई डिवाइस को निकाला. ऑपरेशन के बाद बच्ची की हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई है. वह अब स्वस्थ्य है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डॉक्टरों ने कमाल दिया. उन्होंने एक बेहद जटिल हार्ट ऑपरेशन कर चार साल की बच्ची को बचाया. डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची के दिल में फंसी एक डिवाइस को निकाला. यह डिवाइस दिल के छेद को बंद करनी वाली थी जोकि बच्ची के हार्ट ऑपरेशन के दौरान अंदर रह गई थी. जिसे सफलापूर्वक निकालने के बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली.
...फिर भी डॉक्टर्स ने नहीं हारी हिम्मत
दरअसल, भोपाल के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बच्ची को भर्ती किया गया था. बच्ची के दिल में छेद था, जिसे बंद करने के लिए उसका ऑपेरशन किया गया लेकिन इसी दौरान दिल के छेद को बंद करने वाला डिवाइस अंदर चला गया. इस स्थित को देख डॉक्टर चिंतित हो गए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिर बच्ची का ऑपरेशन किया.
अब डॉक्टरों के सामने दोहरी चुनौती थी क्योंकि पहले ही बच्ची की उम्र बहुत कम होने की वजह से उसकी ओपन हार्ट सर्जरी नहीं करने का फैसला किया गया था लेकिन अब डिवाइस अंदर चले जाने के बाद उसे निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण था.
करीब डढ़े धंटे तक चला ऑपरेशन
इसके बाद डॉक्टरों ने तय किया कि बच्ची के दिल मे एक तार डाला जाएगा जिसके जरिए डिवाइस निकाला जाएगा. करीब डेढ़ घंटे तक चले ऑपरेशन में डॉक्टरों ने चिमटीनुमा तार की मदद से ना केवल डिवाइस को निकाला बल्कि बच्ची के दिल मे जो छेद था उसे भी बंद कर दिया. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने बच्ची को कड़ी निगरानी में रखा. करीब 48 घंटों तक निगरानी में रखने के बाद डॉक्टर्स ने बच्ची को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी और वह स्वस्थ है. उधर, बच्ची के परिजनों ने बेटी के सफल ऑपरेशन पर सुकून की सांस ली है.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.