चांद पर जाएंगे अमेरिका में रहने वाले भारतीय अनिल मेनन? हासिल की ये खास उपलब्धि
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भारतीय मूल के अमेरिकी डॉ. अनिल मेनन ने नासा से एस्ट्रोनॉट की दो साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. दिसंबर 2021 में उन्हें नासा ने अपने मून मिशन के लिए ट्रेनी एस्ट्रोनॉट के तौर पर चुना था. अगर डॉ. मेनन चांद पर जाते हैं, तो वो ऐसा करने वाले पहले भारतवंशी होंगे.
अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA से भारतीय मूल के डॉ. अनिल मेनन ने दो साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. उनकी ट्रेनिंग बतौर एस्ट्रोनॉट हुई थी.
दिसंबर 2021 में नासा ने अपने मून मिशन के लिए 10 ट्रेनी एस्ट्रोनॉट को चुना था. इनमें भारतीय मूल के डॉ. अनिल मेनन भी शामिल थे. अब चूंकि डॉ. मेनन की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है और अगर भविष्य में नासा कोई मून मिशन लॉन्च करता है तो हो सकता है कि डॉ. मेनन भी उसका हिस्सा बनें. अगर ऐसा होता है तो वो चांद पर जाने वाले पहले भारतवंशी होंगे.
डॉ. मेनन का मेडिसिन और एयरोस्पेस में शानदार करियर रहा है. मिनेसोटा के मिनेपॉलिस में जन्म डॉ. मेनन के माता-पिता भारतीय और यूक्रेनी रहे हैं.
कई अहम मिशनों से जुड़े रहे
साल 1999 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबॉयोलॉजी में ग्रैजुएशन किया. यहीं पर उन्होंने हचिंसन डिजीस की स्टडी की. इसके बाद 2004 में स्टेनफोर्ड मेडिकल स्कूल से मेडिकल की पढ़ाई की. फिर स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की. अनिल नासा के कई मिशनों में फ्लाइट सर्जन का काम भी कर चुके हैं. उन्होंने ये काम साल 2014 में शुरु किया था. इसके अलावा वो सोयुज मिशन का भी हिस्सा रहे हैं.
इतना ही नहीं, डॉ. मेनन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर नासा के कई मिशन के लिए बतौर क्रू फ्लाइट सर्जन का काम भी कर चुके हैं. डॉ. मेनन अमेरिकी वायुसेना में लेफ्टिनेंट कर्नल भी रहे हैं.
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