घर में शिवलिंग स्थापना के क्या हैं नियम, भूलकर भी ना हो जाए ये एक गलती
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सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. लेकिन शिवलिंग की पूजा और इसे घर या मंदिर में स्थापित करने के कुछ नियम भी होते हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि घर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करते वक्त कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना जरूरी है.
शिवलिंग को भगवान शिव का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग को साक्षात शिव कहा जाता है. सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. लेकिन शिवलिंग की पूजा और इसे घर या मंदिर में स्थापित करने के कुछ नियम भी होते हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि घर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करते वक्त कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना जरूरी है.
क्या है शिवलिंग की स्थापना के नियम शिवजी की आराधना में शिवलिंग पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है. शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग घर में अलग और मंदिर में अलग तरह से स्थापित करना चाहिए. शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए. घर में स्थापित शिवलिंग बहुत ज्यादा बड़ा ना हो. ये ज्यादा से ज्यादा 6 इंच का होना चाहिए. जबकि मंदिर में कितना भी बड़ा शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं.
शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं-क्या ना चढ़ाएं? शिवजी की पूजा में जल और बेलपत्र का विशेष महत्व होता है. इन दोनों चीजों से शिवजी की विधिवत पूजा की जा सकती है. इसके अलावा कच्चा दूध, सुगंध, गन्ने का रस, चंदन से भी अभिषेक किया जा सकता है. शिवलिंग पर कभी भी सेमल, जूही, कदंब और केतकी के फूल अर्पित ना करें.
शिवलिंग की पूजा के नियम शिवलिंग पर जलीय पदार्थ को धारा बनाकर अर्पित करना चाहिए. ठोस पदार्थों को दोनों हाथों से अर्पित करना चाहिए. शिवलिंग पर कुछ भी अर्पित करने के बाद अंत में जल अर्पित जरूर करें. शिवलिंग पर तामसिक चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए. शिवलिंग पर कोई भी द्रव्य अर्पित करते समय एक खास मंत्र का उच्चारण करें. मंत्र है- 'ऊं नमः शंभवाय च,मयोभवाय च, नमः शंकराय च, मयस्कराय च, नमः शिवाय च, शिवतराय च'.
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