गैस पाइपलाइन पर अमेरिका ने दी थी पाकिस्तान को धमकी! अब ईरान ने क्या कह दिया?
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ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन समझौता साल 2010 में ही ईरान और पाकिस्तान के बीच हुआ था लेकिन 14 सालों बाद अब भी पाइपलाइन बिछाई नहीं जा सकी है. पाकिस्तान अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से अपने क्षेत्र में पाइपलाइन नहीं बिछा रहा है. ईरान ने अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लेकर टिप्पणी की है.
ईरान और पाकिस्तान के बीच दशकों पहले प्रस्तावित गैस पाइपलाइन अभी भी अधर में लटका हुआ है. हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर ईरान के साथ कोई भी डील की जाती है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. अमेरिका की इस धमकी के बाद अब ईरान का भी बयान सामने आया है. ईरान ने कहा है कि पाकिस्तान और ईरान प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहते हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से देरी हो रही है.
ईरान के महावाणिज्य दूत हसन नौरानी ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान की सरकार प्रोजेक्ट को पूरा करने में तत्परता दिखा रही है और वो इस बात की सराहना करते हैं. उन्होंने आगे कहा, 'ईरान और पाकिस्तान प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहते हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव देरी की वजह बन रहा है.'
कराची प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए नौरान ने कहा कि ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट बेहद अहम प्रोजेक्ट है.
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में घसीट सकता है ईरान
ईरान और पाकिस्तान साल 2010 में ईरान के दक्षिण Fars गैस फील्ड से पाकिस्तान के बलूचिस्तान और सिंध प्रांत तक गैस पाइपलाइन बिछाने पर सहमत हुए थे. समझौते में तय हुआ था कि 1,900 किलोमीटर की पाइपलाइन की मदद से ईरान प्रतिदिन 1 अरब क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस 25 सालों तक पाकिस्तान को देगा.
ईरान ने अपने क्षेत्र में तो पाइपलाइन बिछा ली है. उसका कहना है कि अपने क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने में उसे 2 अरब डॉलर का खर्च आया है. लेकिन पाकिस्तान चाहकर भी अपने क्षेत्र में पाइपलाइन नहीं बिछा पा रहा है. पाकिस्तान को डर है कि अगर वो ईरान के साथ इस प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ता है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.
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