क्या PFI ने भड़काई थी दिल्ली हिंसा? पुलिस बोली- इस वक्त बताना ठीक नहीं
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दिल्ली हिंसा में PFI की भूमिका को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब दिल्ली पुलिस ने इसे लेकर एक बयान दिया है. उनके मुताबिक जांच अभी जारी है और इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोला जा सकता.
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के बाद से पुलिस एक्शन में आ गई है. अभी तक 26 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और कई लोगों से पूछताछ जारी है. इस बीच हिंसा में PFI संगठन की सक्रियता को लेकर भी दिल्ली पुलिस की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है. ये वहीं संगठन है जिसकी भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा है.
अब दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त ने कहा है कि इस मामले में चल रही जांच की जानकारी को इस वक़्त बताना ठीक नहीं है. क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है. अभी मामले की शुरुआती जांच चल रही है. अब दिल्ली पुलिस तो PFI की भूमिका पर ज्यादा खुलकर कुछ नहीं बोल रही है, लेकिन बीजेपी की तरफ से इस संगठन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने आजतक से बात करते हुए कहा है कि देश में जो सांप्रदायिक हिंसा हो रही होती हैं, वहां पीएफ़आई और एसडीपीआई का नाम आता है. पीएफ़आई जैसे संगठन बैन कर देने चाहिए. बिधूड़ी आगे कहते हैं कि दिल्ली की वर्तमान सरकार रोहिंग्या और बांग्लादेशी को जिस तरीके से बसा रही है, उसके चलते ऐसे दंगे हो रहे हैं.
वहीं आरोपी अंसार को आम आदमी पार्टी द्वारा बीजेपी का नेता बताने पर बिधूड़ी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया दी गई है. वे कहते हैं कि अंसार की फ़ोटो मनीष सिसोदिया और कई आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ आई है. जो भी दोषी है, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. आतिशी को आम आदमी पार्टी के नेताओं का इतिहास देखना चाहिए. उनके कितने विधायकों पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं.
इस हिंसा की बात करें तो जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया था जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय शख्स जख्मी हुआ था. अब इस मामले में गृह मंत्रालय भी एक्शन मोड में आ गया है. शुरुआत में तो सिर्फ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, अब बकायदा आरोपियों पर NSA लगा दिया गया है. जो लिस्ट सामने आई है उसके मुताबिक अंसार, सलीम चिकना, सोनू, दिलशाद और अहीद पर NSA लगाया गया है.
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