क्या है सीक्रेट सर्विस, जिसपर Trump की सुरक्षा का जिम्मा, FBI और CIA जैसी एजेंसियों से कितना अलग है काम?
AajTak
डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर शनिवार को पेन्सिलवेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ, जिसमें गोली उनके कान को भेदते हुए निकल गई. हमला भले ही नाकाम हुआ लेकिन अमेरिका की सीक्रेट सर्विस पर सवाल उठ रहे हैं. जानिए, क्या है सीक्रेट सर्विस और किस तरह यूएसए की बाकी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से अलग है.
शनिवार को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में एक बड़ी घटना घटी. राष्ट्रपति पद के दावेदार डोनाल्ड ट्रंप एक रैली में थे, जब उन्हें मारने की कोशिश हुई. गोली ट्रंप के कान से होते हुए निकल गई. अब ये बात हो रही है कि निशाना जरा भी इधर-उधर होता तो बड़ा नुकसान हो सकता था. इसके साथ ही सीक्रेट सर्विस भी घिरी हुई है. ये एजेंसी ट्रंप की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थी. रैली के दौरान भी एजेंट्स साथ ही थे, इसके बावजूद जानलेवा अटैक हुआ.
जाली करेंसी रोकने के लिए बनी थी
अमेरिका की सीक्रेट सर्विस साल 1865 में ट्रेजरी डिपार्टमेंट की शाखा के तौर पर शुरू हुई. पहले इसका काम डॉलर की जालसाजी को रोकना था. उस समय फेक करेंसी जमकर बनाई जा रही थी. कई रिपोर्ट्स यहां तक कहती हैं कि सिविल वॉर के दौरान बाजार में घूमती एक तिराई करेंसी जाली थी. साल 1901 में तत्कालीन राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की न्यूयॉर्क में हत्या कर दी गई. इसके बाद वाइट हाउस हरकत में आया और तय किया गया कि सीक्रेट सर्विस को फेक करेंसी का चलन रोकने के साथ-साथ राष्ट्रपति की सुरक्षा का भी जिम्मा दिया जाए.
फिलहाल सीक्रेट सर्विस के हिस्से कई काम हैं. इसमें राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति की सुरक्षा के अलावा यूएस में आर्थिक घपलों पर नजर रखना भी शामिल है.
और किन्हें सुरक्षा देती है एजेंसी वक्त के साथ सीक्रेट सर्विस के काम का दायरा बढ़ता चला गया. पचास के दशक में फॉर्मर प्रेसिडेंट एक्ट पास हुआ, जो पूर्व राष्ट्रपतियों और उनके पति या पत्नी को पूरी जिंदगी प्रोटेक्शन देता है.. स्पाउस अगर दूसरी शादी कर लें तो सीक्रेट सर्विस उसे सुरक्षा नहीं देती. पूर्व राष्ट्रपतियों के 15 साल तक के बच्चों की सुरक्षा भी इसके जिम्मे है. लेकिन कई बार ये सुरक्षा लंबे समय तक भी मिलती है, अगर राष्ट्रपति खुद किसी वजह से ये डिमांड करें, या इस तरह की धमकियां मिलती दिख रही हों.
Lebanon Blasts: वॉकी टॉकी बनाने वाली जापानी कंपनी बोली- हमने तो 2014 में ही प्रोडक्शन बंद कर दिया था
लेबनान में जिन वॉकी-टॉकी में धमाके हुए उन पर मेड इन जापान लिखा हुआ था. फुटेज में जापानी कंपनी आईकॉम के ब्रांड वाले नष्ट हुए डिवाइस दिखाई दिए. इस पर जापानी कंपनी ने कहा कि इस उपकरण को लगभग एक दशक पहले (2014) बनाना बंद कर दिया था.
लेबनान में मंगलवार को पेजर में हुए धमाकों के बाद अब बुधवार को वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुए हैं. इस हमले में अब तक 9 लोगों की मौत हुई है, वहीं 500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. राजधानी बेरूत के कई इलाकों में धमाकों की जानकारी सामने आई है. इनमें से एक धमाका हिजबुल्लाह सांसद अली अम्मार के बेटे के अंतिम संस्कार के समय हुआ.