क्या है चंद्रयान पर NCERT मॉड्यूल विवाद? छात्रों को दे रहे गलत जानकारी? शिक्षा मंत्रालय ने दिया ये जवाब
AajTak
एनसीआईरटी ने 17 अक्टूबर को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में 'चंद्रयान उत्सव' नामक मॉड्यूल का सेट ऑनलाइन जारी किया था. ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क (AIPSN) ने इसे छात्रों को दी जाने वाली गलत जानकारी बताया है.
स्कूली छात्रों को भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों के बारे में शिक्षित करने के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद उस पर डिटेल्ड मॉड्यूल जारी किया. 'चंद्रयान उत्सव' नाम के जारी एनसीईआरटी मॉड्यूल में 'पौराणिक कथाओं के साथ साइंस को मिलाने पर' नया विवाद खड़ा हो गया है. ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क (AIPSN) ने इसे छात्रों को दी जाने वाली गलत जानकारी और वास्तविक नुकसान बताते हुए 'खतरा' कहा है. साथ ही कंटेंट में प्रूफ की गड़बड़ियां भी गिनाई हैं.
25 राज्यों के 40 संगठनों के एक संघ, ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क (एआईपीएसएन) ने भी चिंता व्यक्त की है कि मॉड्यूल एरर्स और गलत जानकारी के साथ गलत तरीके से लिखे गए हैं. कंसोर्टियम ने कहा कि वे छात्रों को स्पेस साइंस के रोमांचक "मौजूदा क्षेत्र" से दूर कर सकते हैं. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एनसीईआरटी रीडिंग मॉड्यूल मिथक साइंस को बढ़ावा देते हैं और मिडिल स्कूल्स के स्टूडेंट्स के लिए भ्रामक दावे करते हैं.
चंद्रयान पर एनसीईआरटी मॉड्यूल पर विवाद क्यों? दरअसल, एनसीआईरटी ने 17 अक्टूबर को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में 'चंद्रयान उत्सव' नामक मॉड्यूल का सेट ऑनलाइन जारी किया था. यह विमोचन नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ की उपस्थिति में हुआ था. इसरो के चंद्रयान मिशन की यात्रा को इंटरैक्टिव ग्राफिक्स और आकर्षक चित्रों के साथ दस मॉड्यूल में विभाजित किया गया था.
इंडिया को लिखा 'भारत' इसे लेकर कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस लेख में कथित तौर पर इसरो और मिशन में शामिल वैज्ञानिकों के योगदान के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ज्यादा फोकस किया गया है. रिपोर्ट्स में यह भी आरोप लगाया गया है कि मॉड्यूल ने अपने 17 पेजों में लगातार इंडिया को 'भारत' के रूप में संदर्भित किया है.
NCERT ने हटाकर वापस ऑनलाइन किया वेबपेज हालांकि, प्रेस और मीडिया कवरेज में देखी गई गंभीर आलोचना की वजह से एनसीईआरटी ने शुरू में मॉड्यूल पर वेबपेज को हटा दिया, लेकिन बाद में सरकार ने 25 अक्टूबर को पीआईबी विज्ञप्ति में मॉड्यूल का बचाव करते हुए कहा, "पौराणिक कथाएं और दर्शन विचारों को आगे बढ़ाते हैं और वो विचार इनोवेशन और रिसर्च बनता है." इसके बाद वेबसाइट वापस ऑनलाइन आ गई! इन मॉड्यूल को एनईपी 2020 (फाउंडेशनल, प्राइमरी, मिडिल स्कूल, सेकेंडरी और हायर) में बांटे गए सीखने के चरणों के लिए लक्षित किया गया था.
यहां देखें एनसीईआरटी का जरूरी नोटिस-
Delhi Pollution: सर्द मौसम की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. आलम यह है कि नवंबर के मध्य में ही दिल्ली में धुंध की एक मोटी परत छा गई है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. लोगों को सांस लेने में समस्या से लेकर गले में जलन तक की परेशानी से जूझते हुए देखा जा रहा है.
Redmi A4 5G Launch in India: Xiaomi के सस्ते फोन Redmi A4 5G को खरीदते हुए आपको सावधान रहने की जरूरत है. ये फोन 5G सपोर्ट के साथ तो आता है, लेकिन इस पर आपको Airtel 5G का सपोर्ट नहीं मिलेगा. कंपनी ने लॉन्च इवेंट में तो इस बारे में जानकारी नहीं दी थी, लेकिन स्पेक्स पेज पर एक छोटी डिटेल जरूर दी है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
UP Police Recruitment Scam: यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2020-21 में सब-इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की थी. जांच में सामने आया कि सात अभ्यर्थियों ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर गैंग की मदद से अपनी जगह सॉल्वर गैंग के डमी कैंडिडेंट्स को बैठाया था.
Hyundai Ioniq 9 साइज में काफी बड़ी है और कंपनी ने इसके केबिन में बेहतर सीटिंग अरेंजमेंट के साथ इसके व्हीलबेस को भी लंबा बनाया है. इसमें थर्ड-रो (तीसरी पंक्ति) में पीछे की तरफ घूमने वाली सीट दी गई है. इसके अलाव ये कार व्हीकल टू लोड (V2L) फीचर से भी लैस है, जिससे आप दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी पावर दे सकते हैं.
इस प्रक्रिया की सफलता की जांच करने के लिए पहले मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. मॉक टेस्ट में चार अलग-अलग पारियों में 400 स्टूडेंट्स को बुलाया जाएगा, और इसके लिए छात्रों को 23 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा. अगर यह टैबलेट बेस्ड टेस्ट प्रक्रिया सही तरीके से आयोजित होती है, तो भविष्य में कर्मचारी चयन बोर्ड की छोटी भर्ती परीक्षाओं के लिए भी टैबलेट मोड पर परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी.
गुड़गांव की सबसे महंगी सोसायटी ‘द कैमिलियास’ में फ्लैट का मालिक होना एक स्टेटस सिंबल माना जाता है. यहां रहना हर किसी का सपना होता है, लेकिन भारत में शायद 0.1% लोग ही इस सपने को पूरा करने की क्षमता रखते हैं. फिर भी, आम लोगों के मन में हमेशा यह सवाल रहता है कि आखिर करोड़ों के इन फ्लैट्स का अंदरूनी नजारा कैसा होता है.