![क्या है अमेरिकी HIMARS रॉकेट सिस्टम, जिससे रूसी गोला-बारूद के अड्डे उड़ा रहा यूक्रेन](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202207/untitled_design_-_2022-07-11t135027.181-sixteen_nine.jpg)
क्या है अमेरिकी HIMARS रॉकेट सिस्टम, जिससे रूसी गोला-बारूद के अड्डे उड़ा रहा यूक्रेन
AajTak
HIMARS एक हाई-टेक, हल्का मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर है जो व्हील माउंटेड है. यानी जिसमें व्हील लगे हैं. जिससे यह युद्ध समय अधिक गतिशील रहता है. HIMARS को 1970 में अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए विकसित किया गया था.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. रूस जहां यूक्रेन पर लगातार बमबारी कर रहा है, तो कीव की ओर से भी रूस के ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है. रूस पर हमलों के लिए अमेरिका का HIMARS रॉकेट सिस्टम यूक्रेन के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हुआ है. बताया जा रहा है कि पिछले 2 हफ्तों में इस हथियार के जरिए यूक्रेन के रूस के 30 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. यही वजह है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने शनिवार को HIMARS का जिक्र करते हुए कहा था कि सिर्फ आधुनिक और शक्तिशाली हथियार ही रूस को रोक सकते हैं. आईए जानते हैं कि आखिर ये HIMARS क्या है?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा था कि वे 400 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद के फैसले को लेकर अमेरिका का धन्यवाद करते हैं. उन्होंने कहा था कि HIMARS और अन्य सटीक हथियार हमें आतंकवाद विरोधी कदम उठाने की अनुमति देते हैं, जिससे हम अपने जीवित लोगों पर रूसी हमलों को कम कर सकते हैं. जेलेंस्की ने कहा था कि सिर्फ आधुनिक और शक्तिशाली हथियार ही रूस को रोक सकते हैं.
अमेरिका ने चार और HIMARS देने का किया ऐलान अमेरिका ने शुक्रवार को ही चार और HIMARS समेत 400 मिलियन डॉलर के हथियार भेजने का ऐलान किया है. अमेरिका की यह मदद रूस के हमले का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए काफी अहम मानी जा रही है.
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था. इसके बाद से रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिणी भाग में एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है, जिसे रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था. रूस धीरे-धीरे यूक्रेनी सेना को पूर्वी यूक्रेन के दो रूसी-समर्थित क्षेत्रों से बाहर धकेल रहा है. ये वही राज्य हैं, जिन्हें स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता दी गई है.
अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, अमेरिका के इस फैसले के बाद यूक्रेन के पास 12 HIMARS सिस्टम होंगे. अधिकारी के मुताबिक, यूक्रेन अब अपनी सीमा से रूसी क्षेत्रों पर सफलतापूर्वक हमला कर रहा है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, HIMARS यूक्रेन पर मौजूद रॉकेट सिस्टम्स में से सबसे बेहतर है.
क्या है HIMARS सिस्टम ?
![](/newspic/picid-1269750-20250210171101.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय फ्रांस यात्रा पर पेरिस पहुंचे हैं, जहां वे एआई कार्य शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे. इस दौरान वे भारत-फ्रांस साझेदारी की समीक्षा करेंगे, भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे और मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वे अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे.
![](/newspic/picid-1269750-20250210093038.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की यात्रा पर रवाना होकर भारत-फ्रांस संबंधों में सुधार करने की पहल की है. इस दौरे के दौरान, दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों को तलाशेंगे. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ आयोजित इस शिखर सम्मेलन में दोनों नेता महत्वपूर्ण चर्चाओं में भाग लेंगे.
![](/newspic/picid-1269750-20250210081833.jpg)
डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी के साथ उनकी यह पहली मुलाकात होगी. पीएम मोदी दूसरे ऐसे वैश्विक नेता होंगे, जो ट्रंप से शपथ ग्रहण के बाद द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे. इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप से मुलाकात की थी. दोनों वैश्विक नेताओं के बीच इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
![](/newspic/picid-1269750-20250210052554.jpg)
ट्रंप और PM मोदी की ये आठवीं मुलाकात, जानिए इससे पहले कब और कहां मिले दोनों नेता, क्या हुई थीं बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पीएम मोदी की मुलाकात होगी. दोनों नेताओं के बीच होने वाली ये मीटिंग कई मायनों में अहम मानी जा रही है. 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने नेतन्याहू के बाद पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्योता दिया है.