कोरोना से इस देश में 2021 में सिर्फ एक मौत, अब बदल रहे हालात
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कोरोना से दुनिया भर में जहां लाखों लोगों ने जान गंवाई, वहीं यूरोप के आइसलैंड में इस साल कोविड के चलते सिर्फ एक मरीज की मौत हुई. शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि पूरे आइसलैंड में कोरोना के सिर्फ 60 मामले हैं.
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से दुनिया बेहाल है. पहली और दूसरी लहर के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) का खतरा मंडरा रहा है. साल 2020 की तरह ही 2021 में भी कई देशों में हजारों लोगों ने जान गंवाई. यूरोपीय देश कोरोना (Corona In European Country) से बुरी तरह प्रभावित हुए. लेकिन इन सबके बीच एक देश ऐसा भी है, जो कोरोना की मार से बचा रहा. (सभी फोटो क्रेडिट- Getty Images) कोरोना से दुनिया भर में जहां लाखों लोगों ने जान गंवाई, वहीं यूरोप के आइसलैंड में इस साल कोविड के चलते सिर्फ एक मरीज की मौत हुई. शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि पूरे आइसलैंड में कोरोना के सिर्फ 60 एक्टिव मामले हैं.थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडन कार्यकाल के रिफ्यूजी प्रोग्राम को निरस्त कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में फंसे हुए अफगानी शरणार्थियों को अमेरिका में सेटल करवाना था. बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा था कि कुछ ही समय में अमेरिका सारे शरणार्थियों को शरण दे देगा लेकिन उनकी सत्ता रहते हुए ऐसा नहीं हो पाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
चीन ने बांग्लादेश को लोन चुकाने के लिए बड़ी राहत दी है. चीन की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश को दिए कर्ज को चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया है. चीन दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह अनुरोध किया था, जिसे चीन ने स्वीकार कर लिया है.
अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त प्रवासन नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है. इस सख्ती के दायरे में वैसे 20 हजार भारतीय हैं जिसके बारे में अमेरिका कहता है कि इनके पास अमेरिका में रहने के वैध कागज नहीं हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा. अमेरिका ने ऐसे 20 हजार भारतीयों को डिपोर्टेशन लिस्ट में डाल दिया है.
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने के बाद से ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. अब बांग्लादेश ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि अगर भारत पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस नहीं भेजता है तो वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाएगा और उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा.