कोरोना की बेलगाम रफ्तार, 24 घंटे में 62,258 नए केस, 291 लोगों ने तोड़ा दम
AajTak
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में 30 मार्च से 8 अप्रैल तक सख्त लॉकडाउन की घोषणा की गई है. औरंगाबाद में पिछले कुछ दिनों से 1700 से ज्यादा कोरोना मरीज हर रोज निकल रहे हैं. कई अस्पतालों में बेड नहीं बचे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के कुल 62,258 नए केस सामने आए और 291 मौतें हुईं. इसके साथ ही कुल केसों की संख्या 1,19,08,910 और कुल मौतों की संख्या 1,61,240 हो गई है. शनिवार तक देश में कुल 4,52,647 केस एक्टिव हैं. अब तक देश में वैक्सीन की 5 करोड़, 81 लाख, 9 हजार, 773 डोज लगाई जा चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने शनिवार को ऐसे 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की जहां केस ज्यादा आ रहे हैं. इनमे 46 जिलों को चिन्हित किया गया है, जहां सबसे ज्यादा केस बढ़ रहे हैं. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इन 46 जिलों में कंटेनमेंट उपायों को सख्त करने की सलाह दी गई है.भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.