कोरोनाः दूसरी लहर के चार महीने, पहली के एक साल पर भारी, जानें कैसे मची तबाही
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देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ने लगी है. चार महीने पहले 17 फरवरी से संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हुए थे. पहली लहर के एक साल पर दूसरी लहर के चार महीने कितने भारी पड़े, आइए समझते हैं...
देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने लगी है. लेकिन दूसरी लहर ने भारत में जितनी तबाही मचाई, उतनी तबाही शायद कहीं और नहीं देखी गई. ऑक्सीजन के लिए सड़कों पर तड़पते लोग, अस्पताल में बेड के इंतजार में बैठे मरीज, दवाओं के लिए दर-दर भटकते मरीजों के परिजन. ये ऐसी तस्वीरें दूसरी लहर ने दिखाईं जिसकी कल्पना शायद किसी ने भी की नहीं होगी. कोरोना की जब पहली लहर आई थी, तब हम सबके लिए ये नई चुनौती थी, लेकिन इतनी बुरी तस्वीरें उस वक्त भी सामने नहीं आईं, जैसी तस्वीरें दूसरी लहर में देखने को मिलीं. अब क्योंकि दूसरी लहर थोड़ी कमजोर पड़ने लगी है. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि कोरोना की दूसरी लहर, पहली लहर से कितनी ज्यादा खतरनाक थी. लेकिन इसे समझने के लिए पहले ये पता लगाना जरूरी है कि दूसरी लहर की शुरुआत कब से हुई?भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
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देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.