कारगिल जंग के दौरान LoC पार करने की तैयारी में था भारत? शरीफ ने क्लिंटन से लगाई थी गुहार, फिर...
AajTak
कारगिल युद्ध के दौरान भारत वास्तव नियंत्रण रेखा (LoC) पार करने की तैयारी में था. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि पाकिस्तानी घुसपैठिये भारतीय क्षेत्र से वापस नहीं लौटे तो भारत उन्हें किसी भी तरह से बाहर निकाल देगा.
कारगिल युद्ध के दौरान मातृभूमि के लिए अपने जान न्योछावर करने वाले वीर जवानों को देश आज एक बार फिर से याद कर रहा है. आज कारगिल विजय दिवस के आज 25 साल पूरे हो गए हैं, यही वह दिन है जब भारतीय सेना ने अद्भुत साहस और अदम्य शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तान को कारगिल की लड़ाई में शिकस्त दी थी. इस युद्ध से जुड़ा एक किस्सा ऐसा भी है जब भारत ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पार करने की तैयार कर ली थी और तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से गुहार लगानी पड़ी थी.
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लंबे समय तक इस संघर्ष से अंजान होने का नाटक कर रहे थे जबकि वो जानते थे कि घुसपैठियों और सैनिकों की बदौलत पाकिस्तान फौज ने कारगिल में भारतीय ठिकानों पर कब्जा करने की नाकाम कोशिश की है. जैसे ही भारत की तरफ से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब मिला और मुंह की खानी पड़ी तो तब शरीफ युद्ध के बीच मदद मांगने और सत्ता बचाने की खातिर भागे-भागे अमेरिका पहुंचे.
क्लिंटन के रूख से हैरान रह गए थे शरीफ हालांकि, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उन्हें किसी भी तरह की मदद देने से इंकार करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सेना वहां से हटानी ही होगी. इस वजह से राष्ट्रपति क्लिंटन इतिहास में अमेरिका के पहले राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारत का समर्थन किया था. उन्होंने कारिगल युद्ध के दौरान जोर देकर कहा था कि पाकिस्तान को कारगिल से नियंत्रण रेखा (एलओसी) के अपने हिस्से में वापस जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें: कारगिल जंग की कहानी... उन चोटियों की जुबानी, जहां भारतीय वीरों ने खून से रंग दिया बर्फ का ग्लेशियर
उन्होंने जम्मू- कश्मीर के मुद्दे के हल होने तक कारगिल पर कब्जा जारी रखने के पाकिस्तान द्वारा पेश किए गए हर तर्क को खारिज कर दिया था. इसके अलावा, उन्होंने सुझाई गई इस शर्त को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए सहमत होना चाहिए.
अमेरिका के इस नए रुख ने भारत और पाकिस्तान दोनों को चौंका दिया था क्योंकि इस्लामाबाद ने सोचा था कि अमेरिका हमेशा की तरह उसका समर्थन करेगा और भारत को उम्मीद नहीं थी कि अमेरिका इस मुद्दे का गुण-दोष के आधार पर फैसला करेगा. क्लिंटन के इस स्टैंड से शरीफ हैरान रह गए. कारगिल युद्ध के बीच यह पाकिस्तान की कूटनीतिक हार थी. दरअसल, क्लिंटन ने ये फैसला यूं ही नहीं लिया था, उस समय कारगिल पर हमला करने की साजिश के बारे में भारत ने जो सबूत अमेरिका को दिए थे वह सबूत अमेरिकी खुफिया जानकारी से मेल खाते थे.
माफिया बनाम मठाधीश: यूपी में अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच जुबानी जंग कहां रुकेगी? | Opinion
उत्तर प्रदेश में भी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा से कोई कम चुनावी माहौल नहीं बना है, जबकि उपचुनावों के तारीख की अभी घोषणा भी नहीं हुई है - मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव एक दूसरे के खिलाफ काफी आक्रामक हो चुके हैं.
हरियाणा के गुरुग्राम में रविवार को बाइक और एसयूवी में हुई भीषण टक्कर में हाई स्पीड बाइक चला रहे युवक की मौत हो गई थी. अब इस घटना का खौफनाक वीडियो सामने आया है जिसमें बाइक सवार एसयूवी से टक्कर होने के बाद हवा में उछल कर गाड़ी के पीछे जाकर गिरता है. घटनास्थल पर तुरंत एंबुलेंस के आने के बाद भी अक्षत को बचाया नहीं जा सका.
370 को लेकर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के बयान पर अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा है. शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि पाकिस्तान और कांग्रेस के इरादे एक जैसे. गृहमंत्री ने राहुल गांधी पर भी हमला हुए कहा कि वे देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं. दरअसल पाक रक्षामंत्री ने 370 को लेकर बयानबाजी की है.
सीएम बनर्जी ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को मानव निर्मित बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि राज्य में स्थिति के पीछे एक साजिश है. डीवीसी बांध मैथन और पंचेत में स्थित हैं, जो झारखंड-बंगाल सीमा पर बना है. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पाशकुरा में बाढ़ की स्थिति की निगरानी करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि वह निगम के साथ सभी संबंध तोड़ देंगी.