कानपुर में अचानक बढ़ने लगे ब्लैक फंगस के मरीज, इंजेक्शन की हुई भारी किल्लत
AajTak
कानपुर में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिसकी वजह से मरीजों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है.
कोरोना के बाद ब्लैक फंगस एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. कानपुर में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिसकी वजह से मरीजों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है. (प्रतीकात्मक फोटो- पीटीआई) कानपूर के फॉर्चून हॉस्पिटल में अबतक ब्लैक फंगस के पंद्रह मरीज भर्ती हो चुके हैं जिनमें सात गंभीर मरीजों का ऑपरेशन किया गया है जिनकी आखों में इंफेकशन था. राहत वाली बात ये है कि सभी मरीज ठीक हैं.झारखंड: 26 नवंबर को होगा हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण, राहुल-केजरीवाल-ममता समेत ये हस्तियां रहेंगी मौजूद
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत गठबंधन ने झारखंड विधानसभा चुनाव में 56 सीट के साथ शानदार जीत दर्ज करते हुए सत्ता अपने पास बरकरार रखी है.झामुमो नीत गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीट जीतीं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को महज 24 सीट से संतोष करना पड़ा.
संभल की जामा मस्जिद में करीब ढाई घंटे तक सर्वे करने के बाद भारी सुरक्षा में टीम को दूसरे रास्ते से बाहर निकाला गया. इस दौरान बाहर लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. हालात को संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और वकील विष्णु शंकर जैन को पुलिस सुरक्षा में दूसरे रास्ते से बाहर लाया गया. अब इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर 29 नवबंर को अपनी रिपोर्ट देंगे.
पीएम मोदी ने 'मन की बात' के 116वें एपिसोड में 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' की भी घोषणा की, जो स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती पर 11-12 जनवरी, 2025 को भारत मंडपम में आयोजित होने वाला है. इस पहल का उद्देश्य विकसित भारत के लिए आगे की राह पर चर्चा करने और योजना बनाने के लिए देश भर के ऐसे युवाओं को एक मंच पर लाना है, जिनमें लीडरशिप क्वालिटी हो.
जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ भी अपने पक्ष में कर लिया था. इस बगावत ने शिवसेना को दो धड़ों में बांट दिया, लेकिन इस चुनाव में शिंदे ने साबित कर दिया कि राज्य की जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है.