'कल्कि 2898 AD' के डायरेक्टर बोले 'मुझे लगा था ये आखिरी फिल्म होगी, महाभारत को छूने का सोचकर लगा डर'
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'कल्कि 2898 AD' में अमिताभ बच्चन को अश्वत्थामा के रोल में जाता ने बहुत पसंद किया है. फिल्म में उनका स्क्रीनटाइम प्रभास से भी ज्यादा है और एक्शन करते हुए वो बहुत शानदार लग रहे हैं. अब 'कल्कि 2898 AD' के डायरेक्टर नाग अश्विन ने बताया है कि उन्हें लग रहा था ये उनकी आखिरी फिल्म होने वाली है.
सुपरस्टार प्रभास की फिल्म 'कल्कि 2898 AD', भारत की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बन चुकी है. वर्ल्डवाइड 1000 करोड़ से ज्यादा कमा चुकी इस फिल्म में साइंस-फिक्शन के साथ माइथोलॉजी का कॉम्बिनेशन, जनता ही नहीं क्रिटिक्स को भी बहुत पसंद आया. प्रभास के साथ फिल्म में अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण और कमल हासन जैसे बड़े कलाकारों ने काम किया.
'कल्कि 2898 AD' में अमिताभ बच्चन को अश्वत्थामा के रोल में जाता ने बहुत पसंद किया है. फिल्म में उनका स्क्रीनटाइम प्रभास से भी ज्यादा है और एक्शन करते हुए वो बहुत शानदार लग रहे हैं. अब 'कल्कि 2898 AD' के डायरेक्टर नाग अश्विन ने बताया है कि उन्हें लग रहा था ये उनकी आखिरी फिल्म होने वाली है.
अश्विन ने कहा कि उन्होंने वो कहानी उठाई थी जो भारत की महाग्रंथों में से एक, महाभारत में खत्म हो गई और उसे इमेजिनेशन के आधार पर आगे लेकर गए. अश्विन ने कहा कि उन्हें ये काम 'दुस्साहस' जैसा लगा, लेकिन उनका मानना था कि किसी ने अभी तक ये आईडिया उठाया नहीं है, इसलिए एक बार ट्राई करना तो बनता है.
बॉलीवुड को देखकर मिली 'कल्कि 2898 AD' बनाने की हिम्मत 'कल्कि 2898 AD' के मेकर्स वैजयंती मूवीज ने यूट्यूब पर एक नया वीडियो शेयर किया. इसमें अमिताभ बच्चन, नाग अश्विन से खास बातचीत करते नजर आ रहे हैं. फिल्म के आईडिया पर बात करते हुए अश्विन ने बताया, 'बिल्कुल ईमानदारी से बताऊं तो मुझे लगा था कि ये आखिरी फिल्म होगी जो मैं बना पाऊंगा. मेरे पास एक छोटी कहानी थी, जो इसके जितनी एम्बिशियस नहीं थी. लेकिन 'महानती' के बाद मुझे अचानक से इंटरनेट पर इस तरह के आर्टिकल या वीडियो खूब दिखने लगे जिनमें चिरंजीवियों के बारे में लिखा गया था.'
अश्विन ने कहा कि उन्हें कुछ ऐसे आर्टिकल भी दिखे कि बॉलीवुड में कुछ प्रोडक्शन हाउस महाभारत पर बेस्ड इस तरह की कहानियों पर काम कर रहे हैं. तबतक उनके दिमाग में एक स्टोरी का बहुत छोटा सा आईडिया था और उन्हें लगा कि शायद अब इस कहानी को बक्से से बाहर निकालने का वक्त आ गया है.
उन्होंने आगे कहा, 'ये कहानी 6000 साल पहले शुरू होती है. भगवान कृष्ण के शरीर त्यागने का समय कई जगह 3102 ईसापूर्व बताया गया है, तो वहां से 6000 साल बाद का वक्त लगभग 2898 AD होता है. अश्वत्थामा के श्राप वाली पूरी चीज कुरुक्षेत्र में पांडवों की जीत के लगभग 18 दिन बाद हुई थी. ये महाभारत में हुई लगभग सबसे अंतिम चीज थी. और ये मुझे लगा कि ये कहानी यहीं खत्म नहीं होती.'