कत्ल किया और जेल में काटे 22 साल, फिर रिहाई के दिन जेल तोड़कर क्यों भागा कैदी?
AajTak
रूस में दोहरे मर्डर के दोष में 22 साल जेल की सजा काट चुके एक अपराधी ने ठीक उसी दिन जेल तोड़कर भागने के फैसला किया जिस दिन उसे रिहा किया जाना था. सोचने वाली बात है कि उसने ऐसी बेवकूफी क्यों की होगी.
दुनियाभर के अलग-अलग कानूनों के अनुसार कोई गंभीर अपराध करने पर अलग- अलग गंभीर सजाएं दी जाती हैं. हत्या जैसे संगीन आरोपों के लिए कहीं उम्र कैद तो कहीं मौत की सजा तक सुना दी जाती है. उम्र कैद में अपराधी के लिए जीवन का बड़ा हिस्सा कैद के अंदर ही बीत जाता है. ऐसी सजा पाने के बाद कई अपराधी जेल तोड़कर भागने की कोशिश भी करते हैं लेकिन कुछ ही शातिर होते हैं जो इसमें कामयाब हो पाते हैं.
रूस में Kamoljon Kalonov नाम के एक अपराधी ने भी कुल 22 साल की जेल की सजा काटी. वह दोहरी हत्या, चोरी, गैर कानूनी रूप से हथियार और गोला बारूद रखने को लेकर सजा काट रहा था. सजा पूरी होने पर उसे Irkutsk के पास गांव मार्कोवा की जेल से रिहा किया जाना था. लेकिन उसने रिहाई के दिन कुछ ऐसा किया कि रिहाई हो ही नहीं सकी. फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस के क्षेत्रीय विभाग ने RIA Novosti को बताया कि अपनी रिहाई के दिन सुबह लगभग 4 बजे, कालोनोव बिना किसी को बताए गायब हो गया और अब कथित तौर पर भाग रहा है. इरकुत्स्क क्षेत्र के ज़िमा शहर के रहने वाले कमोलजोन कालोनोव को पहली बार एक क्रिमिनल कम्युनिटी को संगठित करने के लिए दोषी ठहराया गया था और 1997 में उसे जेल से रिहा कर दिया गया था. फिर 2001 में उसे फिर डबल मर्डर के लिए उसे दोषी ठहराया गया और 22 साल की कैद हुई.
Federal Penitentiary Service of Russia की प्रेस सर्विस के अनुसार इस जेल में सजा काट रहे लोगों के लिए, तीन दिनों की अनुपस्थिति को जेल से भागने के रूप में नहीं, बल्कि सही रास्ते से भागने के रूप में माना जाता है. अगर, इस दौरान वह वापस नहीं आता है या नहीं मिलता है, तो पकड़े जाने पर उसे चार साल की कैद होती है. 22 वर्षों के बाद, कालोनोव को पैरोल पर रिहा किया जाने वाला था और इसके बाद उसे जबरन मजदूरी के लिए भेजा जा रहा था. ऐसे में शायद इसी मजदूरी से बचने के लिए उसने रिहाई के दिन ही भागने का फैसला किया.
Vivo ने भारत में 21 नवंबर को Vivo Y300 को लॉन्च किया था और आज इस हैंडसेट की पहले सेल शुरू होने जा रही है. इस हैंडसेट पर कई अच्छी डील्स और डिस्काउंट भी देखने को मिल रहे हैं. इस फोन में Snapdragon 4 Gen 2, 8GB Ram, 5,000mAh दी है. इसके साथ कंपनी ने बैंक ऑफर्स का भी ऐलान किया है. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
फॉरेस्ट गार्ड्स की जिंदगी बेहद चुनौतीपूर्ण होती है. जंगली जानवरों के बीच काम करने के कारण उन्हें हर पल अपनी जान का खतरा रहता है. बावजूद इसके, वे न केवल जंगल और वन्यजीवों की रक्षा करते हैं, बल्कि अपने कर्तव्य को भी पूरी निष्ठा से निभाते हैं. हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे दो फॉरेस्ट गार्ड्स ने अपनी सूझबूझ से टाइगर के हमले से खुद को बचाया.
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या, कुल जनसंख्या का लगभग 8 प्रतिशत है. यह समुदाय लंबे समय से धार्मिक भेदभाव और हिंसा का शिकार हो रहा है. हिंदू समुदाय के सदस्य कथित तौर पर लक्षित हत्याओं और हमलों का सामना कर रहे हैं. कई बार इन हमलों में मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. इसके विरोध में चिन्मय प्रभु लड़ाई लड़ रहे थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.