ऑफलाइन Vs ऑनलाइन: NEET-NET पेपर लीक के बाद बहस तेज, एक्सपर्ट ने दिए ये तर्क
AajTak
NEET-NET offline vs online debate: एक के बाद एक परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की सेंधमारी से परीक्षा की शुचिता भंग हो रही है और सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. पिछले पांच साल में 15 राज्यों की 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. यानी परीक्षा में पेपरलीक की महामारी देशभर में फैली हुई है. इससे निटपने के लिए कई पहलूओं पर गौर करना जरूरी है जिनमें एग्जाम मोड सबसे अहम है.
NEET-NET offline vs online debate: NEET UG और UGC NET 2024 परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम एक्शन में है. डार्कनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्रीम पर यूजीसी नेट पेपर लीक की जांच के बाद सीबीआई को नीट केस भी सौंप दिया गया है. नीट पेपर लीक की जांच कर रही बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सीबीआई को अब तक की जांच रिपोर्ट और सबूत सौंप दिए हैं. शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की परीक्षा प्रक्रिया और कार्यप्रणाली के सभी पहलुओं की समीक्षा के लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया है. इस बीच अब परीक्षाओं के ऑफलाइन (पेन-पेपर मोड) या ऑनलाइन (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट या CBT) मोड में आयोजित कराने को लेकर बहस तेज हो गई है.
दरअसल, परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की सेंधमारी से परीक्षा की शुचिता भंग हो रही है और सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. परीक्षा के मोड (ऑफलाइन या ऑनलाइन) पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट यानी NEET-UG पारंपरिक रूप से एक ही बार में होने वाली पेन-पेपर परीक्षा होती है, जबकि UGC-NET, जो 2018 से कंप्यूटर आधारित है, इस बार इसे पेन-एंड-पेपर OMR मोड में कराया गया था. नीट परीक्षा में जहां हर साल 20 से 23 लाख उम्मीदवार शामिल होते हैं, वहीं यूजीसी नेट परीक्षा में भी 11 लाख से ज्यादा उम्मीदवार बैठते हैं. इसलिए सुरक्षित मोड में परीक्षा कराना बहुत जरूरी है.
अब सवाल यह है कि परीक्षा का ऑनलाइन मोड सही है या ऑफलाइन मोड? कुछ एक्सपर्ट्स का तर्क है कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) पारंपरिक पेन-एंड-पेपर परीक्षा की तुलना में अधिक सुरक्षित है.
ट्रांसपोर्टेशन में लीक एक्सपर्ट बताते हैं कि ऑफलाइन मोड की परीक्षा में सबसे बड़े रोल ट्रांसपोर्टेशन का है. परीक्षा से उचित समय पहले परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षित प्रश्चन पत्र पहुंचाना बड़ी चुनौती है. नीट और यूपी पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में सामने आया है कि प्रश्न पत्र ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक हुआ था. ऑनलाइन मोड में यह चुनौती बिल्कुल खत्म हो जाती है. क्वेश्चन पेपर सीधा परीक्षार्थी को अलॉट हुए कंप्यूटर पर मिलता है.
यह भी पढ़ें: पहली बार नहीं उठ रहे NTA की साख पर सवाल, NEET ही नहीं JEE-CUET में भी रहा खराब रिकॉर्ड
परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी ऑफलाइन एग्जाम में परीक्षार्थियों को क्वेश्चन पेपर मैनुअली बांटे जाते हैं. इस बार नीट परीक्षा में कई एग्जाम सेंटर्स पर अंग्रेजी के बजाय हिंदी का क्वेश्चन पेपर बांट दिया गया था, जिसकी वजह से देरी हुई और परीक्षार्थियों ग्रेस मार्क्स दिए गए. सीबीटी मोड में इस तरह की गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती. सिक्योरिटी वेरिफिकेशन के बाद कंप्यूटर स्क्रीन पर क्वेश्चन पेपर मिल जाता है.
नीट परीक्षा में धांधली को लेकर दिन पे दिन सीबीआई की तरफ से खुलासे हो रहे हैं. ऐसे में जिन छात्रों ने नीट की परीक्षा दी है या जो डॉकटर बनने का सपना देख रहे हैं उनको अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. जिन छात्रों के पास करोड़ों रुपये नहीं है उनके पास नीट ही एक मात्र रास्ता था अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने का. आइए जानते हैं देश में एमबीबीएस की पढ़ाई करना कितना मुश्किल है.
करियर को प्राथमिकता देने की वजह से महिलाओं में egg फ्रीज करवाने का ट्रेंड तेज़ हो गया है. भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर की स्थिति यही है. इसी वजह से आज दुनियाभर में unmarried महिलाएं egg फ्रीजिंग करवा रही हैं. भारत में भी ये ट्रेंड तेज़ है. आइए जानते हैं egg फ्रीजिंग के पूरे प्रोसेस के बारे में और साथ ही ये भी कि इससे जुड़ी भ्रांतियां क्या हैं?
Jio-Airtel Tariff Hike: जियो और एयरटेल ने अपने सभी प्लान्स की कीमतों में इजाफा कर दिया है. हालांकि, आप चाहें, तो इन प्लान्स को पुरानी कीमत पर ही खरीद सकते हैं. जियो और एयरटेल के प्लान्स की बढ़ी हुई कीमतें 3 जुलाई से लागू होंगी. इसके बाद यूजर्स को 600 रुपये तक ज्यादा खर्च करना होगा. आइए जानते हैं आप कैसे पुरानी कीमत पर सर्विस रिचार्ज कर सकते हैं.