उलझे रिश्ते, कुछ न कह पाने का दर्द, 'एनिमल' से पहले भी रणबीर की फिल्मों में दिखे 'डैडी इश्यू'
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रणबीर कपूर की फिल्म 'एनिमल' का ट्रेलर आ चुका है. बाप-बेटे का रोल निभा रहे अनिल कपूर और रणबीर का पहला ही सीन बहुत सॉलिड है. ये सीन पूरी फिल्म की कहानी का टोन सेट कर रहा है. क्या आपने ध्यान दिया है कि रणबीर की फिल्मों में अक्सर उनके किरदार, अपने पिता के साथ कुछ न कुछ पंगा छेड़े नजर आते हैं.
रणबीर कपूर की अगली रिलीज 'एनिमल' का ट्रेलर जमकर धमाल मचा रहा है. डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने रणबीर को ऐसे वायलेंट हीरो के रोल में पेश किया है, जिसकी कल्पना भी फैन्स ने नहीं की थी. लेकिन फिल्म के ट्रेलर में एक चीज ऐसी है जिसपर लोग बात करते नहीं थक रहे. वो है ट्रेलर का पहला सीन जिसमें रणबीर और अनिल कपूर नजर आ रहे हैं.
'एनिमल' में अनिल कपूर, रणबीर के पिता के रोल में हैं. उनका बेटा, उनका वक्त और तारीफ पाने के लिए इतना आतुर है कि इसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है. लेकिन ट्रेलर में पहले सीन में रणबीर जिस तरह अपने पिता को उनके बर्ताव के लिए कंफ्रंट कर रहे हैं, वो पूरी फिल्म का इमोशनल सेंटर है.
सोशल मीडिया पर लोग इस सीन में रणबीर की एक्टिंग की तारीफ करते नहीं थक रहे. हालांकि ये पहली बात नहीं है जब अपनी फिल्म में रणबीर के किरदार और उसके पिता के बीच टेंशन नजर आ रही है. बल्कि अक्सर रणबीर के ये 'डैडी इशूज' फिल्म की कहानी का हिस्सा होते हैं. कैसे? आइए बताते हैं...
वेक अप सिड (2009) सिड मेहरा के पास कोई मकसद नहीं था कि उसे करियर में क्या करना है. आलसी, मनमौजी और मस्ती करने में बिजी सिड के मुंह पर पानी के छींटे मारने का काम उसके पापा करते रहते हैं. दोनों बाप-बेटे की ये टेंशन फिल्म को वो माहौल देती है, जिससे सिड अपनी जिंदगी को बदलने की शुरुआत करता है. 'वेक अप सिड' में रणबीर के पिता का रोल अनुपम खेर ने निभाया था.
अजब प्रेम की गजब कहानी (2009) इस मजेदार कॉमेडी फिल्म में प्रेम शंकर शर्मा की परमानेंट जॉब है- दोस्तों के साथ मौज करना. और ये तो सब जानते हैं कि ये ऐसी जॉब नहीं है जिसके लिए कोई पिता अपने बेटे को मोटिवेट करता हो! हालांकि, बाप-बेटे के रिश्ते की जनरल टेंशन इस फिल्म में बहुत मजेदार तरीके से नजर आई थी और इससे बहुत सॉलिड कॉमेडी निकली थी.
ये जवानी है दीवानी (2013) कबीर थापर यानी 'बनी' अपने पिता की दूसरी शादी से बहुत खुश नहीं था. दुनिया में 'उड़ने-दौड़ने-जीने' निकले बनी को अपने पिता की मौत का भी पता नहीं चलता क्योंकि उस समय वो एक नो-नेटवर्क जोन में ट्रेकिंग पर था. बनी और उसके पिता का ये रिश्ता, 'ये जवानी है दीवानी' में एक बहुत कमाल की इमोशनल गहराई लेकर आया था. फिल्म में बाप-बेटे की बातचीत से ही ये मैसेज निकलता है कि हमें चाहने वाले कभी हमें रोकना नहीं चाहते, लेकिन कभी-कभी हमें उनके लिए रुक जाना चाहिए.
अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा 2 ने रविवार को वर्ल्डवाइड मार्केट में 800 करोड़ कमा लिए हैं. सबसे मजेदार बात ये है कि अल्लू की फिल्म का हिंदी कलेक्शन तेलुगू वर्जन से बढ़िया है. रविवार को जहां पुष्पा ने हिंदी में 85 करोड़ कमाए, वहीं तेलुगू भाषा में 44 करोड़ की कमाई की. इससे साफ जाहिर है अल्लू का क्रेज हिंदी ऑडियंस के बीच जबरदस्त है.