उदयपुर में नाइट कर्फ्यू की टाइमिंग पर BJP नेता नाराज, CM गहलोत पर भेदभाव का आरोप
AajTak
उदयपुर में शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि अन्य जगह रात 8 से सुबह 6 बजे तक ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. नाइट कर्फ्यू की इस अलग-अलग टाइमिंग को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है.
देश में कोरोना की दूसरी लहर से त्राहिमाम मचा है. हर रोज कोरोना से संक्रमण के करीब डेढ़ लाख नए मामले सामने आ रहे हैं. मृतकों की तादाद भी हर रोज बढ़ रही है. इन सबके बीच सख्ती का दौर भी फिर से लौटने लगा है. कहीं-कहीं सरकारों ने संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया है तो कहीं-कहीं सख्ती बढ़ाने के साथ ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. राजस्थान सरकार ने राजधानी जयपुर समेत 10 शहरी इलाकों में नाइट कर्फ्यू लागू करने और इसका सख्ती से पालन कराने का दो दिन पहले ही ऐलान किया था. उदयपुर में शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि अन्य जगह रात 8 से सुबह 6 बजे तक ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. नाइट कर्फ्यू की इस अलग-अलग टाइमिंग को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है.पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.