
ईरान के बाद वेनेजुएला क्यों ट्रंप के टारगेट पर आ गया? भारत पर क्या होगा इस कदम का असर
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डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ईरान पर प्रतिबंध लगाया जहां से भारत बड़ी मात्रा में तेल खरीदता था. प्रतिबंधों की वजह से भारत को ईरान से तेल खरीद बंद करनी पड़ी थी. अब ट्रंप ने भारत के एक और तेल आपूर्तिकर्ता वेनेजुएला पर टैरिफ लगा दिया है. इसके बाद भारतीय रिफाइनरों को या तो बहुत महंगा तेल खरीदना पड़ेगा या फिर कोई और विकल्प तलाशना होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की है कि वो उन सभी देशों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे जो वेनेजुएला से तेल और गैस खरीदते है. ट्रंप के इस कदम से भारत के एनर्जी सेक्टर को भारी नुकसान होने की संभावना है. ट्रंप ने वेनेजुएला को निशाना बनाने के लिए यह कदम उठाया है लेकिन इसका बुरा असर भारत, चीन जैसे देशों पर पड़ेगा क्योंकि ये देश वेनेजुएला से अच्छी-खासी मात्रा में तेल और गैस खरीदते हैं.
जनवरी में व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से ट्रंप ने आर्थिक और कूटनीतिक नीतियों को प्रभावित करने के मकसद से सहयोगियों और विरोधियों, दोनों पर टैरिफ लगाए हैं.
वेनेजुएला पर टैरिफ लगाने को लेकर उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल नेटवर्क पर लिखा, 'वेनेजुएला अमेरिका और हमारी स्वतंत्रता के प्रति बहुत शत्रुतापूर्ण रहा है. इसलिए, कोई भी देश जो वेनेजुएला से तेल और गैस खरीदता है, उसे अमेरिका के साथ किसी तरह के व्यापार पर 25% का टैरिफ अदा करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.'
ट्रंप ने कहा कि वेनेजुएला जानबूझकर अपराधियों को अमेरिका में भेजता है. उन्होंने साफ किया कि 25% टैरिफ अन्य टैरिफ के अतिरिक्त होगा.
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ट्रंप ने सोमवार को ही वेनेजुएला से तेल खरीद पर टैरिफ लगाने के एक आदेश पर हस्ताक्षर किया जिसके बाद वेनेजुएला से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष, दोनों तरह की तेल, गैस खरीददारी पर 25% का टैरिफ लगेगा. टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हो सकता है.
वेनेजुएला का तेल अमेरिका, स्पेन, भारत और ब्लैक मार्केट में आता है. अमेरिका, स्पेन और भारत क्रमशः शेवरॉन कॉर्प, रेप्सोल एसए और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दिए गए लाइसेंस के जरिए वेनेजुएला से तेल खरीदते हैं जबकि चीन ब्लैक मार्केट के जरिए वेनेजुएला से तेल खरीदता है.