इस एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीडिंग पड़ेगी भारी! सीधे FASTag अकाउंट से पैसे काटने की बन रही है योजना
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एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण पुलिस यातायात विभाग ने 100 किमी प्रति घंटे की गति सीमा का नियम लागू किया है. एक्सप्रेसवे पर इस स्पीड लिमिट को लागू करने के लिए, कई स्थानों पर इंटरसेप्टर लगाए गए हैं. नियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों के सीधे FASTag अकाउंट से पैसे काटे जाने की योजना है.
ओवरस्पीडिंग पर लगाम लगाने के लिए बेंगलुरु पुलिस डिपार्टमेंट ने एक नई योजना पर काम कर रहा है. बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर हाई-स्पीड कारों पर नकेल कसने के लिए बेंगलुरु पुलिस की योजना है कि, 100 किमी प्रति घंटे से ऊपर यात्रा करने वाले वाहनों के सीधे FASTag अकाउंट से चालान की राशि काटी जाए. प्रस्ताव फिलहाल अपने शुरुआती चरण में है क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस समय नई पेनाल्टी सिस्टम लागू करने की संभावनाएं तलाश रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सड़क सुरक्षा और यातायात के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफर पुलिस आलोक कुमार ने NHAI से ऐसे मामलों में सीधे फास्टैग (FASTag) अकाउंट से फाइन काटने और जुर्माना की राशि को सीधे सरकार को ट्रांसफर करने की योजना पर विचार करने का अनुरोध किया है. वर्तमान में, FASTag खातों से वसूला गया कोई भी जुर्माना राशि NHAI को डायरेक्ट किया जाता है. हालाँकि, नई योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जुर्माने की रकम सीधे सरकार के खाते में जमा हो.
फिलहाल अभी इस योजना का मूल्यांकन किया जा रहा है. एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण पुलिस यातायात विभाग ने 100 किमी प्रति घंटे की गति सीमा का नियम लागू किया है. एक्सप्रेसवे पर इस स्पीड लिमिट को लागू करने के लिए, कई स्थानों पर इंटरसेप्टर लगाए गए हैं, स्पीड लिमिट का उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.
यदि इस योजना को मंजूरी मिल जाती है, तो बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा स्पीड वाले वाहनों के FASTag अकाउंट से पैसे काटे जाएंगे. यातायात पुलिस को उम्मीद है कि, इस पहल से यातायात व्यवस्था बेहतर होगी और एक्सीडेंट पर लगाम लगेगी. आमतौर पर लोग एक्सप्रेसवे तेज रफ्तार में वाहनों को चलाते हैं, और ऐसे में दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.
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