'आपके खिलाफ मुंबई में FIR दर्ज है'... ये कहकर साइबर ठगों ने ऋषिकेश में की 52 लाख की ठगी
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देहरादून के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने 67 वर्षीय पीड़ित योगेश चंद श्रीवास्तव निवासी रेलवे रोड, ऋषिकेश की शिकायत के आधार पर घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की है. आशंका है कि जालसाजों के जाल में फंसने के बाद पीड़ित ने खुद ही पैसे ट्रांसफर कर दिए हों.
उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक बुजुर्ग व्यक्ति को जेल जाने का डर दिखाकर साइबर अपराधियों ने 52 लाख रुपये ठगी कर डाली. साइबर अपराधी ने बुजुर्ग पर मुंबई में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का दावा करके पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया था.
देहरादून के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने 67 वर्षीय पीड़ित योगेश चंद श्रीवास्तव निवासी रेलवे रोड, ऋषिकेश की शिकायत के आधार पर घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की है.
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के एसएचओ (SHO) गिरीश शर्मा ने इस वारदात के बारे में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि उन्हें संदेह है कि जालसाजों ने क्लोनिंग के जरिए योगेश चंद श्रीवास्तव के खाते तक पहुंच बनाई और पैसे ट्रांसफर कर लिए.
SHO ने आगे बताया कि यह भी संभावना है कि जालसाजों के जाल में फंसने के बाद पीड़ित ने खुद ही पैसे ट्रांसफर कर लिए हों.
पुलिस अफसर ने कहा कि पीड़ित दबाव में आ गया क्योंकि जालसाजों ने उसे बताया कि उसके खिलाफ मुंबई के तिलक नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है और उसके व्हाट्सएप नंबर पर तथाकथित एफआईआर की एक प्रति भी साझा की गई थी.
एसएचओ ने बताया कि पीड़ित योगेश चंद श्रीवास्तव से कुल 52.5 लाख रुपये की ठगी की गई है. उन्होंने बताया कि पीड़ित ने शायद कोई ऐप डाउनलोड किया होगा, जिससे जालसाजों के लिए फोन का क्लोन बनाना और खाते तक पहुंचना आसान हो जाता है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
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