आधार कार्ड में नाम और फाेटो बदलकर करते थे क्राइम, टेलीकॉम कंपनी का मैनेजर मास्टर माइंड
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यह गिरोह गिरोह पश्चिम बंगाल का है. एक नामी टेलीकॉम कंपनी में मैनेजर के तौर पर काम कर चुका सुजान मंडल टारगेट पूरा करने के लिए सिम कार्ड को फर्जी नाम पते पर एक्टिवेट करने का दबाव डालता था. कुछ रिटेल स्टोर से फर्जी तरीके से एक्टिवेट किये गए सिम कार्ड्स को वह साइबर अपराधियों को ऊंची कीमत पर बेच देता था.
प्रयागराज पुलिस के साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. वह लोगों के आधारकार्ड में हेराफेरी कर उसके सहारे अपराध की घटनाओं को अंजाम देता था.
गिरोह के लोग आधारकार्ड में नाम- पता या फिर तस्वीर बदलकर सिमकार्ड एक्टिवेट करा लेते थे या फिर बैंकों में खाता खोल लेते थे. पीड़ितों द्वारा पुलिस में शिकायत किए जाने पर यह लोग इसलिए पकड़ में नहीं आते थे, क्योंकि सब कुछ फर्जी नाम पते पर होता था. गिरोह के द्वारा किये गए अपराधों में पीड़ितों के साथ ही वह लोग भी परेशान होते थे, जिनके आधार कार्ड में यह लोग हेराफेरी करते थे, क्योंकि पुलिस सबसे पहले उन्हें ही शक के घेरे में लेती थी.
पश्चिम बंगाल का है गैंग:
प्रयागराज रेंज के आईजी डाॅ राकेश सिंह के मुताबिक कम उम्र के युवकों का गिरोह पश्चिम बंगाल का है. बंगाल में एक नामी टेलीकॉम कंपनी में मैनेजर के तौर पर काम कर चुका सुजान मंडल टारगेट पूरा करने के लिए सिम कार्ड को फर्जी नाम पते पर एक्टिवेट करने का दबाव डालता था. कुछ रिटेल स्टोर से फर्जी तरीके से एक्टिवेट किये गए सिम कार्ड्स को वह साइबर अपराधियों को ऊंची कीमत पर बेच देता था. सुजान मंडल के इस काम में विश्वजीत बर्मन और आशीष बर्मन भी उसकी मदद करते थे. बाद में यह लोग खुद ही ऑनलाइन ठगी करने लगे. सिम कार्ड से लेकर बैंक एकाउंट तक सब कुछ फर्जी डाक्यूमेंट्स पर होता था, इसलिए यह कभी पकड़ में नहीं आते थे.
प्रयागराज पुलिस के साइबर सेल ने साल 2020 में सत्रह लाख रूपये की ठगी के एक मामले में पड़ताल करते हुए खासी मशक्कत के बाद इस गिरोह का पर्दाफाश किया. पुलिस ने इनके पास से तीन स्मार्ट फोन, कई सिम कार्ड्स व अन्य डाक्यूमेंट्स बरामद किये हैं. गिरफ्तार किये गए तीनों आरोपी पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले हैं.
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